नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन में पीएम मोदी और लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इन पर नफरत भरे भाषण देने का आरोप लगाया है।
याचिका में 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए गए पीएम मोदी के भाषण का हवाला दिया गया।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका खारिज करते हुए कहा, मैं भारत के चुनाव आयोग को सूक्ष्म प्रबंधन नहीं कर सकता कि वे स्थिति से कैसे निपटते हैं। ईसीआई (भारतीय निर्वाचन आयोग) एक संवैधानिक निकाय है और यह नहीं माना जा सकता है कि वह कुछ नहीं करेगा। इस अदालत को कोई जवाब नहीं मिला है। याचिका में योग्यता है, तदनुसार याचिका खारिज की जाती है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निजाम पाशा ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने कई अन्य नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ दायर किसी भी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
आयोग की ओर से पेश वकील सुरुचि सूरी ने कहा कि भाजपा ने हाल ही में एक संचार के माध्यम से अपने नोटिस का जवाब देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है। जवाब 15 मई तक आने की उम्मीद है।