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पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद राष्ट्रपति शासन लगना तय,


केंद्रीय कैबिनेट ने पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा- ‘सीएम ने इस्तीफा दे दिया है और किसी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है। इसलिए एलजी ने 14वीं विधानसभा को भंग करने का प्रस्ताव किया है। अब हमारी मंजूरी को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।’

दो दिन पहले ही सोमवार को विधानसभा में बहुमत खोने के बाद वी नारायणस्वामी ने अपना इस्तीफा दे दिया था।कांग्रेस और उसके सहयोगी डीएमके के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद वी नारायणस्वामी की सरकार सदन में अल्पमत में आ गई थी। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वी नारायणस्वामी और उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

पुडुचेरी में अप्रैल-मई में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

नारायणस्वामी ने सोमवार को उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन से भेंट कर चार सदस्यीय मंत्रिमंडल का इस्तीफा उन्हें सौंपा था। प्रदेश में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

माना जा रहा था कि नारायणस्वामी के इस्तीफे के बाद बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। हालांकि पार्टी की ओर से कोई दावा पेश नहीं किया गया है। कई विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन में सरकार के पास 11 और विपक्ष के पास 14 का संख्या बल हो गया था।

पुडुचेरी की सरकार गिर जाने के बाद तीन राज्य – पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही बच गए हैं जहां कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है।

गौरतलब है कि विपक्ष ने पिछले सप्ताह उप राज्यपाल को आवेदन देकर कहा था कि विधायकों के इस्तीफे के कारण सरकार अल्पमत में आ गई है। इसके बाद रविवार को दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।

नारायणस्वामी ने किरण बेदी और पीएम नरेंद्र मोदी पर बोला था हमला

पूरे एक महीने में कांग्रेस-द्रमुक सत्ता पक्ष से कुल छह लोगों ने इस्तीफा दिया है। रविवार को कांग्रेस सदस्य के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक सदस्य के. वेंकटेशन ने इस्तीफा दिया था।

वहीं, नारायणस्वामी ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी पर हमला बोला था।

सदन में मनोनीत सदस्यों के मताधिकार के मुद्दे पर बहस के बाद उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ विधानसभा से वाक आउट किया। इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने घोषणा कर दी थी कि सुबह मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया विश्वास मत प्रस्ताव नामंजूर हो गया है।