(आज समाचार सेवा)
पटना। पूर्णिया हवाई अड्डा निर्माण के लिए भू-अर्जन संबंधी बाधा दूर हो गई है, जिससे हवाई अड्डा के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि पूर्णिया सैन्य हवाई अड्डा से संयुक्त परिचालन के लिए सिविल इनक्लेव एवं संपर्क पथ निर्माण हेतु चिन्हित अर्जित भूमि लगभग 52 एकड़ में से लगभग 34 एकड़ भूमि को अधिग्रहित किया गया है एवं इसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नि:शुल्क हस्तांतरित करने का निर्णय हो गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत सिविल विमानन निदेशालय ने इस 34 एकड़ भूमि का दखल प्राप्त करने हेतु विभागीय पदाधिकारी को नामित भी कर दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इस निर्णय के उपरांत पूर्णिया हवाई अड्डा निर्माण की भू-अर्जन संबंधी बाधा के दूर हो जाने से अब निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा। हवाई अड्डा बन जाने से पूर्णिया प्रमंडल सहित संपूर्ण सीमांचल क्षेत्र के लोगों को दूर-दराज के क्षेत्रों की यात्रा करने में सुविधा होगी और निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा।
जमीन अधिग्रहण की बाधा दूर होने के बाद पूर्णिया हवाई अड्डा पर अलग से सिविल इन्कलेव, कार्गो सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाना है। पूर्णिया के चुनापुर में बनाने वाले हवाई अड्डा के निर्माण होने से कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल, मधेपुरा के अलावा पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज सहित अन्य शहर के लोगों को बागडोगरा और पटना के हवाई अड्डा तक नहीं जाना पड़ेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के इस विशेष पहल से सीमांचल के क्षेत्रों के लोगों का सपना साकार हुआ है। सरकार का यह दूरगामी निर्णय पूर्णिया प्रमंडल के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए पहली प्राथमिकता बेहतर कम्युनिकेशन है।
पूर्णिया में एयरपोर्ट बनने के बाद औद्योगिक निवेश को बल मिलेगा तथा व्यवसायिक गतिविधियों की बढ़ेंगी। इससे यहां की आर्थिक स्थिति भी सबल होगी। उपमुख्यमंत्री आगामी 12 मई को दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलकर इस महत्वपूर्ण कदम के लिए उनके प्रति आभार प्रकट करेंगे तथा पूर्णिया हवाई अड्डे का निर्माण कार्य यथाशीघ्र शुरू करने का आग्रह करेंगे।