अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के महाभियोग ट्रायल के दौरान छाए रहे 6 जनवरी को हुई कैपिटल हिंसा के फुटेज


पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे महाभियोग ट्रायल के पहले दिन पूरे समय 6 जनवरी के अमेरिकी कैपिटल के सिक्योरिटी कैमरों, बॉडी कैमरों, भयभीत पुलिस अधिकारियों के सार्वजनिक स्रोतों से मिले वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिग्स छाए रहे। ट्रंप पर विद्रोह को उकसाने का आरोप लगा है, क्योंकि 6 जनवरी को ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने रैली में हिस्सा लेने के बाद यूएस कैपिटल पर हमला बोल दिया था। ट्रंप ने दावा किया है कि यह चुनाव में हुई धोखाधड़ी के महीनों बाद उसके खिलाफ उठाया गया कदम था।

6 घंटे से अधिक देर तक चले तर्कों के दौरान अभियोजकों ने समय का उल्लेख करते हुए वीडियो रीक्रिएट किए और बताया कि दंगाई अमेरिकी राजनीति की पूरे पॉवर स्ट्रक्च र के कितने करीब आ गए थे। 9 महाभियोग मैनेजर्स में से एक एरिक स्वैलवेल ने कहा, आप में से कई लोग यह नहीं जानते हैं कि आप दंगाइयों के कितने करीब थे। आप उनसे केवल 58 कदम दूर थे। हाउस मैनेजरों का कहना है कि दंगाई तत्कालीन राष्ट्रपति माइक पेंस और हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की हत्या करना चाहते थे। वीडियो साक्ष्य के जरिए अभियोजक, ट्रंप और दंगाइयों के बीच सीधा संबंध जोड़ रहे हैं।

बुधवार को दिखाए गए वीडियो में हॉल में घूमते हुए दंगाई चिल्ला रहे थे कि ‘नैन्सी! तुम कहां हो!’। वे कह रहे थे कि ‘हैंग माइक पेंस!’ और ‘पेंस को बाहर लाओ!’ इन वीडियो को दिखाते हुए प्रमुख अभियोजक ने ट्रंप को ‘प्रमुख उकसाने वाला’ और ‘मासूस दर्शक’ कहा। उन्होंने कहा, जब उनकी भीड़ ने सीनेट पर कब्जा कर लिया और सदन पर हमला किया और कानून प्रवर्तन पर हमला किया, तो उन्होंने इसे एक रियलिटी शो की तरह टीवी पर देखा।

हालांकि दोनों पक्षों के बोलने के बाद जब सीनेट आखिर में इस बात पर मतदान करेगी कि विद्रोह को उकसाने में ट्रंप दोषी हैं या नहीं तो उन्हें दोषी साबित करने के लिए कम से कम 67 वोटों की जरूरत होगी। सीनेट में 50 रिपब्लिकन और 50 डेमाक्रेट हैं। वीडियो प्रजेंटेशन को कई रिपब्लिकन ने नहीं देखा।