Latest News अन्तर्राष्ट्रीय

पेंटागन ने अमेरिकी सांसदों को साफ किया रूस पर भारत का रुख,


वाशिंगटन, । पेंटागन के शीर्ष अधिकारियों ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण के खिलाफ प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में हुए मतदान से भारत के अलग रहने पर अपनी बेहतर समझ दिखाई लेकिन भारत-प्रशांत मुद्दे पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कई अमेरिकी सांसदों को शांत करने में उन्हें कठिनाई हुई। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के खिलाफ प्रस्तावों पर भारत बार-बार अनुपस्थित रहा है। भारत फिलहाल सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है। उसका दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होगा। भारतीय-अमेरिकी रो खन्ना सहित कई अमेरिकी सांसदों ने बुधवार को हिंद-प्रशांत मामलों पर कांग्रेस (संसद) की सुनवाई के दौरान पेंटागन नेतृत्व से सवाल किया कि भारत ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ मतदान क्यों नहीं किया।

सांसदों ने कहा कि अमेरिकी दृष्टिकोण से जब हम हिंद-प्रशांत में अपनी रणनीति के बारे में सोचते हैं तो हमें लगता है कि भारत एक अत्यंत आवश्यक भागीदार है। हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि हम मानते हैं कि भारत का रूस के साथ एक जटिल इतिहास और संबंध है। अमेरिकी सांसद बिल कीटिंग के एक सवाल के जवाब में, रैटनर ने कहा कि भारत जो हथियार खरीदता है, उनमें से अधिकांश रूस से हैं। अच्छी खबर यह है कि वे रूस के बजाय अन्य स्रोतों से अपनी हथियारों की खरीद में विविधता लाने की बहु-वर्षीय प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। इसमें कुछ समय लगने वाला है, लेकिन वे स्पष्ट रूप से ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें अपने स्वयं के रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण को बढ़ाना शामिल है। यह ऐसा कुछ है जिसे हमें समर्थन देना चाहिए।