- पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि अगर मीडिया में इस संबंध में आई रिपोर्ट सही है तो ये बेहद गंभीर आरोप हैं। इस मामले में चीफ जस्टिस एनवी रमना के नेतृत्व में दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। इस बेंच में दूसरे जज जस्टिस सूर्यकांत हैं।
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्बल जिरह कर रह हैं। कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि पेगासस एक ऐसी तकनीक है जो हमारे जीवन में बिना हमारी जानकारी के प्रवेश कर जाता है और ये निजता और भारतीय गणतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।
बता दें कि कथित पेगासस जासूसी मामले को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम सहित शशि कुमार की ओर से भी अर्जियां दी गई हैं।
दरअसल, एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने हाल में खबर में दावा किया था कि 300 सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाने वाली सूची में शामिल थे। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया है कि पत्रकारों और अन्य के सर्विलांस की जांच कराने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए।