पटना

मुख्यमंत्री ने की ग्रामीण आवास योजना की समीक्षा बैठक


कोई भी योग्य लाभार्थी न छूटे: नीतीश

 (आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, जीविका तथा सतत् जीविकोपार्जन योजना की समीक्षा की।

ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविन्द कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत अब तक स्वीकृत आवास, पूर्ण आवास एवं लंबित आवासों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना, सतत् जीविकोपार्जन योजना के लाभार्थियों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी। ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री राजीव रौषन ने जीविका, उसकी उपलब्धियॉ, जीविकोपार्जन, उद्यमिता विकास आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण के काम में तेजी लायें। लाभुकों को देय राशि शीघ्र विमुक्त करें ताकि आवास निर्माण का कार्य तेजी से पूर्ण हो सके और लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिल सके। सभी योग्य लाभुकों का आवास बनना चाहिये, कोई भी लाभार्थी न छूटे।

उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान जो परिवार आश्रयहीन हो गये हैं, उन्हें भी शीघ्र आवास योजना/मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना का लाभ दिलायें। सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत इस योजना केप्अनुरूप निर्धनतम परिवारों/हाषिये पर के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिये तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद देषी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन तथा बिक्री से पारंपरिक रूप से जुड़े परिवारों, अत्यंत निर्धन परिवारों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अत्यंत निर्धन परिवारों, अन्य समुदाय के अत्यंत निर्धन परिवारों को सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है, इससे एक करोड़ से ज्यादा परिवार जुड़े चुके हैं। जीविका समूह को कई प्रकार की जिम्मेदारी दी गयी है। जीविका समूह की महिलाओं की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, बकरी पालन, मुर्गीपालन, तालाबों की निगरानी आदि कई कार्यों में सक्रियता है, वे जीविकोपार्जन के कई कार्यों से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पुरूषों की आमदनी के साथ-साथ महिलाओं की आमदनी बढऩे से पूरे परिवार की आमदनी बढ़ी है। अधिक से अधिक महिलाओं को जीविका समूह से जोड़ें ताकि उन्हें जीविकोपार्जन के काम से जोड़ा जा सके।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविन्द कुमार चैधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव श्री राजीव रौषन सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण जुड़े हुए थे।