Latest News नयी दिल्ली बिजनेस

प्रमुख ब्‍याज दरों में इस समय क्‍यों छेड़छाड़ नहीं करेगा RBI? एक्‍सपर्ट ने बताई वजह


नई दिल्‍ली, । देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के मामले में रुख में बदलाव लाने में देरी कर सकता है। आरबीआई फरवरी में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा। संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिये पाबंदियां बढ़ाई हैं। इससे पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

HDFC बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के अनुसार उन्हें नहीं लगता कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने के लिये हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने जा रही है। कम-से-कम फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में तो इसकी उम्मीद नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0.30 प्रतिशत का प्रतिकूल असर पड़ सकता है। बरुआ ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिये लगायी जाने वाली पाबंदियों का वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसको देखते हुए फरवरी में नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना सीमित है।