अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सरकार के बड़े अधिकारियों की फाइज़र से कई दौर की बातचीत हो चुकी है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है. इस साल जनवरी में फाइजर की सरकार से इसलिए बातचीत अटक गई थी, क्योंकि कंपनी वैक्सीन से होने वाले साइडइफेक्ट के लिए हर्जाना देने के लिए तैयार नहीं थी. हालांकि अब कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी दोनों पक्षों में कुछ सहमति बनी है.
कई कंपनियों से चल रही है बातचीत
पिछले दिनों भारत की कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल ने कहा था भारत ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ संपर्क किया है और अगस्त-दिसंबर के बीच वैक्सीन उपलब्धता को लेकर जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा ‘इस दौरान भारत के लिए 216 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे. हम जैसे आगे बढ़ेंगे सभी के लिए वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘औपचारिक’ रूप से फाइजर, मॉडर्ना और जे एंड जे से संपर्क साधा है. साथ ही भारत ने इनकी अलग-अलग तरीकों से सहयोग करने की भी बात कही है.