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फिशरीज पर डब्ल्यूटीओ का मसौदा भारत को मंजूर नहीं, 90 लाख मछुआरों के हितों से भारत नहीं करेगा समझौता


 जेनेवा: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को डब्ल्यूटीओ (WTO) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में साफ कर दिया कि फिशरीज समझौते को लेकर जो मसौदा तैयार किया गया है, वह भारत को मंजूर नहीं है। इसके मुताबिक डब्ल्यूटीओ मछली पकड़ने को सीमित करने के साथ मछुआरों को मिलने वाली सब्सिडी और आर्थिक सहायता पर रोक लगाना चाहता है। विकसित देश पहले ही काफी अधिक मछली समंदर से निकाल चुके हैं, इसलिए अब वे डब्ल्यूटीओ के मसौदे के पक्ष में हैं।

गोयल ने कहा कि भारत को 25 साल के लिए सब्सिडी देने की छूट चाहिए और इस दौरान विकसित देशों के मछुआरों को मिलने वाली सब्सिडी बंद होनी चाहिए। तब जाकर लेवल प्लेयिंग फील्ड तैयार होगा। गोयल ने कहा कि भारत प्रति मछुआरा सिर्फ 15 डालर की सब्सिडी देता है जबकि डेनमार्क जैसे देश सालाना 75,000 डालर, स्वीडन 65,000, कनाडा 21,000, जापान 7,000 अमेरिका 4000 डालर से अधिक प्रति मछुआरा सब्सिडी देते हैं।