नयी दिल्ली। सरकार कुछ इस्पात उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान तथा तैयार सामान पर कम दर से कर लगाये जाने के मसले का समधान कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि सरकार स्टेनलेस स्टील से बने चादर समेत अन्य फ्लैट उत्पादों के विनिर्माण में लगने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क समाप्त करने पर विचार कर सकती है। फिलहाल स्टेनलेस स्टील के ‘फ्लैटÓ उत्पादों में उपयोग होने वाले प्रमुख कच्चा माल…फेरो निकेल और एस एस स्क्रैप…पर आयात शुल्क मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वाले देशों से आने वाले तैयार उत्पादों की तुलना में अधिक है। सूत्रों ने कहा कि इससे घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। फेरो निकेल और एसएस स्क्रैप जैसे कच्चे माल भारत में भी पर्याप्त मात्रा और अच्छी गुणवत्ता में उपलब्ध नहीं है। इन कच्चे माल पर करीब 15 प्रतिशत शुल्क लगता है। उल्टा शुल्क ढांचे का घरेलू उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। क्योंकि एक तरफ उन्हें शुल्क के रूप में कच्चे माल के लिये उच्च मूल्य देना होता है जबकि तैयार उत्पाद पर शुल्क कम है और फलत: लागत कम है। भारत ने कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया किया। इन देशों में जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है।