भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (IAF Chief RKS Bhadauria ) ने शनिवार को कहा कि तेजी से बदल रही है सुरक्षा चुनौतियों. पड़ोस और अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक (Geopolitical)अनिश्चितताओं के मद्देनजर हमारे देश की वायुसेना (Indian Air Force) तकनीक को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है.भदौरिया ने यहां वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (CGP) को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारतीय वायुसेना परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है.
हमारे अभियानों के हर पहलू में तकनीक और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ. यह हमारे पड़ोस और अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के साथ हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व और तेजी से बदल रहीं सुरक्षा चुनौतियों के कारण है.’उन्होंने आगे कहा कि एक साल पहले जब ये हुआ था हमने तैनाती की थी. उसके बाद एक साल में हमारी ताकत को कम करने का तो सवाल ही पैदा नहीं है. इस एक साल में हमने भी कदम उठाए हैं और काम किया है. हमारी क्षमता जो एक साल पहले थी आज उससे कहीं ज्यादा है.
कोरोना महामारी में वायुसेना का योगदान
भदौरिया ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने हर संघर्ष में जीत हासिल करने में वायु शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका स्पष्ट रूप से स्थापित की है और इसी के मद्देनजनर भारतीय वायुसेना की क्षमता में जारी वृद्धि काफी महत्व रखती है.इससे पहले, वायुसेना प्रमुख ने परेड की समीक्षा की. उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई में वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया.कोरोना महामारी के इस दौर में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) देश के लिए किसी संकट मोचक से कम नहीं रही है.
पिछले महीने तक भारतीय वायुसेना (IAF) ने 1500 से अधिक उड़ानें, 3000 घंटे और 2 मिलियन किलोमीटर का सफर तय किया. भारतीय वायुसेना की ओर से तय की गई ये दूरी पृथ्वी के 55 बार चक्कर लगाने के बराबर है. ये चौंकाने वाले आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय वायुसेना पिछले डेढ़ महीने में कोविड -19 से जुड़े सामान को देश में पहुंचाने में कितना प्रयास किया है.भारत की लड़ाई को मजबूत करते हुए IAF का परिवहन बेड़ा चौबीसों घंटे काम में जुटा रहा. विदेशों से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सामान को लाने में भारतीय वायुसेना के जवान दिन रात एक कर रहे हैं.





