पटना

बाजार प्रांगणों की आधारभूत संरचना हो विकसित : नीतीश


उत्पादन व उत्पादकता ही नहीं, किसानों की आमदनी भी बढ़े

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि एग्रीकल्चरल एक्सपोर्ट को तेजी से प्रमोट करें। इसमें वृद्धि होने से किसानों की आमदनी और बढ़ेगी। यहां एग्रीकल्चरल मार्केट को बेहतर ढंग से आर्गेनाइज और डेवलप करना है। बाजार प्रांगण के आधारभूत संरचना के विकास के लिए और तेजी से काम करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के संबंध में तथा एग्रीकल्चरल मार्केटिंग की भविष्य की योजनाओं के संबंध में कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्योँ की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों के हित में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। अब तक तीन कृषि रोड मैप बनाये गये हैं। कृषि रोड मैप बनाने के पूर्व किसान पंचायत के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों के सुझाव एवं सलाह लिये जाते हैं जो कृषि रोड मैप बनाने में काफी महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है। मखाना, चावल, गेहूं, मक्का आदि फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ा है। यहां के लोगों की आमदनी का बड़ा आधार कृषि कार्य है। हमलोगों का लक्ष्य सिर्फ फसलों का उत्पादन और उत्पादकता ही बढ़ाना नहीं है बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कांट्रैक्ट फार्मिंग परितंत्र तेजी से विकसित हो रहा है। हमने मोतिहारी में जाकर आलू अनुबंध कृषि मॉडल का मुआयना किया था जो काफी अच्छा था। साथ ही इस कार्य से जुड़े किसानों की जानकारी से मैं काफी प्रभावित हुआ था। उन्होंने कहा कि वर्ष २००६ से ही कृषि शिक्षा के क्षेत्र में पहल किये गये हैं। नये विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की स्थापना की गयी है, इससे राज्य के छात्रों में कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है।

बैठक में कृषि सचिव एन सरवन कुमार ने कहा कि एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में काफी कार्य हुए हैं। बिहार एग्री एक्सपोर्ट पॉलिसी, बाजार समितियों के आधारभूत संरचना के ढांचागत विकास, कृषि बाजार प्रांगण में परिसंपत्तियों के आवंटन के नियम, एग्री मार्केटिंग इन्फारमेशन सिस्टम, राज्य में ई नैम का क्रियान्वयन, रूल्स फार कांट्रैक्ट फार्मिंग, बिहार एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस वैल्यू एडिशन सिस्टम का सुदृढीकरण तथा किसान उत्पादक संगठन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

वर्ष २००६ में जहां एग्रीकल्चरल एक्सपोर्ट 3 करोड़ रुपये का था जो वर्ष २०२० में बढ़कर २६१७ करोड़ का हो गया। बैठक में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, कृषि सचिव एन सरवन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, ओएसडी गोपाल सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।