बिहारशरीफ (आससे)। लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत के तीसरे दिन आज छठव्रतियों ने भगवान भास्कर के अस्ताचलगामी स्वरूप को अर्घ्य प्रदान किए। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने प्रमुख सूर्य घाटों एवं अन्य तालाब एवं घाटों पर सार्वजनिक रूप से अर्घ्य न देने की अपील की गयी थी।
इस बार कोरोना पर छठव्रतियों का आस्था भारी पड़ा। चैती छठ पूजा में मोरा तालाब छठ घाट पर कुछेक छठव्रती पहुंचे और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इसी तरह बड़गांव एवं औंगारीधाम में भी छठव्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। हालांकि कई लोगों ने अपने घर के आंगन और छतों पर भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।
छठ व्रत में अर्घ्य देने के लिए फलों का होना आवश्यक माना जाता है। खासतौर पर केला एवं मौसमी फल छठव्रती सूप में लेकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते है। आगामी कल अहले सुबह भगवान भास्कर के उदयचलगामी स्वरूप को अर्घ प्रदान करेंगे। इसके साथ ही चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न हो जायेगा। देश के कोने-कोने से भारी संख्या में श्रद्धालु बड़गांव छठ करने आते थे। ऐसी मान्यता है कि यहां छठ करने से हर मुरादें पूरी होती है।