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- वायरल वीडियो जिसमें शव को नगर निगम का कूड़ा ढोने वाला ठेला से ले जाया जा रहा है मुक्तिधाम
- मोहल्ले वासियों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर वार्ड पार्षद पर लगाया राशि वसूलने का आरोप
- डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त को सौंपा जांच
- राजद नेता पप्पू यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिला में इस तरह की घटना निंदनीय
बिहारशरीफ (आससे)। कोरोना से हर लोग तबाह और डरे हुए है, लेकिन इस संकट के घड़ी में भी कोरोना जैसे आपदा को लोग आय का अवसर बनाने से बाज नहीं आ रहे है। कोविश पेशेंट से अस्पतालों में मोटी वसूली तो की हीं जा रही है अब मुर्दे पर भी पैसे वसूले जा रहे है। बिहारशरीफ नगर निगम क्षेत्र के जलालपुर मोहल्ला में एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह को मिली है। लिखित शिकायत में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की गयी है और जिसे दोषी बताया गया है वह कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि इस मोहल्ले का वार्ड पार्षद है। जिसपर कोविड से मृतक के दाह संस्कार के लिए परिजनों ने 16500 रुपया वसूलने का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है।
इस मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें पैसा वसूलने के बाद वार्ड पार्षद ने मृतक के शव को बगैर कफन दिये नगर निगम की कूड़ा ढोने वाली ठेले से मुक्तिधाम तक शव को पहुंचवाया है। यह वीडियो शहर में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दाह संस्कार के लिए गये कर्मी पीपीई किट पहने हुए है और शव पर चादर ढंका हुआ है।
घटना 13 मई की बतायी जाती है। बताया जाता है कि साईं मंदिर के पास रामजी रविदास के मकान में मनोज कुमार उर्फ गुड्डू अपनी मां और पत्नी के साथ किराये पर रहता था। 13 मई की सुबह उसकी मौत हो गयी। परिजन तथा आसपास के लोग मौत का कारण कोरोना बता रहे है। जलालपुर सेवा समिति के सुनील कुमार, राजेंद्र तांती, कृष्णा प्रसाद, राजकुमार गुप्ता, संजय कुमार, पिंटू कुमार, रविकांत गुप्ता आदि लोगों ने जिलाधिकारी को आवेदन दिया जिसमें कहा कि मौत की सूचना पाकर वार्ड संख्या 8 के पार्षद सुशील कुमार मिट्ठू वहां पहुंचे, जहां दर्जनों लोग मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि निगम में एक कमेटी का गठन हुआ है, जिसमें निर्णय लिया गया है कि दाह संस्कार के लिए 22 हजार रुपया देना होगा। मोहल्ले के लोगों के आग्रह पर वार्ड पार्षद ने यह राशि घटाकर 16500 किया। मृतक के मामा चंडी के रामावतार प्रसाद ने उक्त राशि जमा की, जिसके बाद नगर निगम के कर्मियों ने दाह संस्कार किया। हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर वार्ड पार्षद सुशील कुमार मिट्ठू ने कहा कि उन्होंने कोई राशि नहीं ली है। आरोप बेबुनियाद है। इधर दूसरी ओर जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें दो कर्मी पीपीई किट पहनकर 17 नंबर मुक्तिधाम के पास पहुंचे हुए है। नगर निगम के ठेला पर शव रखा हुआ है और मुक्तिधाम में प्रवेश करता है।
पूर्व वार्ड पार्षद व राजद नेता धनंजय कुमार उर्फ पप्पू यादव ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जिलाधिकारी से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दाह संस्कार होना है लेकिन वार्ड पार्षद द्वारा गरीब व्यक्ति से जबरन पैसा वसूलना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि यह दुखद बात है कि नालंदा जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है वहां शव को कूड़ा ढोने वाला ढेला से मुक्तिधाम ले जाया गया। एक कफन तक नहीं दी गयी और उलटे 16500 रुपये की वसूली हुई।
वीडियो वायरल होने की खबर जैसे ही जिला पदाधिकारी को लगी उन्होंने बिहारशरीफ नगर निगम के आयुक्त अंशुल अग्रवाल को जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि यह पता लगाये कि नगर निगम के ठेले का इस्तेमाल किसके आदेश पर किया गया। इसमें जो भी लोग शामिल है उनपर कार्रवाई करें।