पटना

बिहारशरीफ: गंगाजल उद्धव योजना का निरीक्षण करने राजगीर पहुंचे सीएम


राजगीर से गया तक के कार्यों का भी लिया स्थलीय जायजा

बिहारशरीफ (नालंदा)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक मंगलवार को राजगीर पहुंचे और वहां से गया के लिए रवाना हुए। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने गंगाजल उद्धव योजना के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया। बगैर पहले के कोई सूचना के मुख्यमंत्री मंगलवार को हैलीकॉप्टर से राजगीर पहुंचे, जिसके बाद फॉरेस्ट गेस्ट हाउस पहुंचे। वहां कुछ देर रूकने के बाद राजगीर-गया के बीच चल रही गंगाजल उद्धव योजना का निरीक्षण करने निकल पड़े।

गंगाजल उद्धव योजना मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके तहत नालंदा के राजगीर, नवादा तथा गया एवं बोधगया में पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए गंगाजल पाइपलाइन के जरिये संबंधित शहरों को पहुंचाया जाना है। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। पटना जिले के मोकामा के पास हथिदह से गंगा से पाइपलाइन के जरिये गंगाजल नालंदा के गिरियक के पास घोड़ाकटोरा में संचित किया जायेगा। इसके लिए रिजर्वायर बनाया जा रहा है। यहां पर गंगाजल को संजय करने के बाद उसका शुद्धिकरण होगा, जिसके बाद राजगीर, नवादा और गया को पुनः पाइप के जरिये गंगाजल भेजा जायेगा।

इस योजना के तहत हथिदह से रिजर्वायर तक पाइप लेइंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और फिर राजगीर से गया के बीच भी पाइप लेइंग का कार्य अंतिम चरण में है। बरसात के कारण रिजर्वायर का काम धीमा पड़ा है, लेकिन अब जल्द ही इसे गति दिया जायेगा। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि अगले सीजन में गंगाजल को गंगा नदी से खींचकर रिजर्वायर तक लाया जाय और क्रमः राजगीर, गया और नवादा को पीने के लिए गंगाजल की आपूर्ति की जाय। पहले चरण में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर में गंगाजल को हर घर तक पहुंचाया जाना है। इसके साथ हीं अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार पुलिस एकेडमी, राजगीर सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर आदि संस्थानों में भी पीने के लिए पाइपलाइन से गंगाजल की आपूर्ति होगी। दूसरे चरण में गया और फिर नवादा में पाइपलाइन के जरिये गंगाजल को पहुंचाना है।

बताते चले कि इन शहरों में भू-गर्भीय जलस्तर काफी नीचे है। खासकर गर्मी के दिनों में इन स्थानों का नलकूप भी काम करना बंद कर देता है। यही वजह है कि गंगाजल को बरसात के दिनों में मोटर के जरिये खींचकर रिजर्वायर तक लाया जायेगा और फिर पानी की किल्लत की अवधि में पाइपलाइन से इसकी आपूर्ति होगी। इस योजना के पूरा हो जाने से इन शहरों में लाखों लोगों को पीने के लिए शुद्ध जल मिलेगा और वह भी गंगाजल के रूप में।