पटना

बिहारशरीफ: जिले के 109 नियोजन इकाईयों में 483 शिक्षक रिक्ति के विरुद्ध 366 अभ्यर्थियों का हुआ चयन


      • जिले में खाली रह गया 117 शिक्षक का पद, जिले के पांच नियोजन इकाईयों का काउंसेलिंग करना पड़ा स्थगित
      • एकंगरसराय के दो, नगरनौसा, चंडी एवं थरथरी प्रखंड के एक-एक नियोजन इकाईयों में नहीं हुआ काउंसेलिंग
      • अस्थावां के एक पंचायत सचिव सूची पर हस्ताक्षर किये बगैर फरार
      • बिंद में प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर अभ्यर्थी फरार
      • कई नियोजन इकाईयों में कैटेगरीवार अभ्यर्थी नहीं पहुंचने से पद रह गये रिक्त

बिहारशरीफ (आससे)। जिले के ग्राम पंचायत नियोजन इकाईयों में सोमवार को शिक्षक नियोजन के लिए काउंसेलिंग में कई स्थानों पर अनियमितता की कई शिकायतें आयी। हालांकि इस बीच शिक्षा विभाग के पदाधिकारी यथा जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अलग-अलग प्रखंडों के दौरे पर रहे और इस बीच कई गंभीर शिकायतों को देखते हुए कुछेक नियोजन इकाईयों पर काउंसेलिंग का काम रोका भी गया। देर शाम तक मिली सूचना के अनुसार 109 पंचायत इकाईयों के लिए 483 शिक्षकों का नियोजन होना था। जिसमें 366 का चयन हुआ और 117 पद खाली रह गया।

काउंसेलिंग में कई नियोजन इकाईयों का नियोजन पर फिलहाल रोक भी लगाया गया। एकंगरसराय प्रखंड के दो, नगरनौसा, चंडी तथा थरथरी प्रखंड के एक-एक प्रखड नियोजन इकाईयों में काउंसेलिंग पर रोक लगानी पड़ी। इस प्रकार पांच नियोजन इकाईयों में काउंसेलिंग नहीं हो सकी। वजह यह रही कि इन स्थानों पर या तो मुखिया या संबंधित लोग द्वारा गड़बड़ी किये जाने का प्रयास चल रहा था, जिसमें सफलता ना पाते देख लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर शिकायतें की या फिर कोई और प्रयास किया।

इसी बीच कोई गड़बड़ी ना हो इसे ध्यान में रखकर इन नियोजन इकाईयों का काउंसेलिंग तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। इसी बीच यह भी समाचार मिल रहा है कि अस्थावां के एक नियोजन इकाई का पंचायत सचिव नियोजन सूची पर बगैर हस्ताक्षर किये फरार हो गया, जिससे संबंधित पंचायत का नियोजन अटकता नजर आ रहा है। हालांकि संबंधित पंचायत सचिव पर कार्रवाई करने की बात चल रही है।

बिंद प्रखंड के जमसारी ग्राम पंचायत में काउंसेलिंग के दौरान एक महिला अभ्यर्थी का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया, जबकि थरथरी प्रखंड के चहरिया पंचायत में 11 अभ्यर्थियों का नाम मेधा सूची में नहीं था, जबकि अभ्यर्थियों के पास आवेदन जमा करने का प्राप्ति रसीद था। चंडी प्रखंड के तुलसीगढ़ ग्राम पंचायत नियोजन इकाई में जब डीपीओ स्थापना खुद नियोजन का काम देखने लगी तो ग्राम पंचायत के मुखिया नियोजन छोड़कर भाग खड़ा हुआ है। इस कारण तुलसीगढ़ पंचायत का नियोजन रद्द करना पड़ा।

काउंसेलिंग के दौरान विभिन्न नियोजन इकाईयों में वीडियोग्राफी की व्यवस्था थी। बावजूद इसके अनियमितता की शिकायत मिलती रही। हालांकि दंडाधिकारी एवं पुलिस बल भी तैनात थे। कतरीसराय में 13 पदों के लिए नियोजन होना था, जिसमें 11 का चयन हुआ। बिलारी एवं मैरा बरीठ पंचायत में एक-एक पद खाली रह गया। इधर परबलपुर में 11 रिक्ति के विरुद्ध 9 उम्मीदवार का चयन हुआ। चौसंडा और मई ग्राम पंचायत में एक-एक पद रिक्त रह गया। जबकि करायपरशुराय में 26 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। बावजूद इसके 3 पद रिक्त रह गये। जहां रिक्ति रही उनमें मखदुमपुर एवं बेरथू ग्राम पंचायत शामिल है। नूरसराय प्रखंड के विभिन्न पंचायत नियोजन इकाईयों में काउंसेलिंग की गयी। इसमें कहीं भी रिक्ति रहने की खबर नहीं है।

हरनौत में चल रहे काउंसेलिंग में भी अनियमितता का मामला सामने आया था। हालांकि अभ्यर्थी से जब एडमिट कार्ड मांगा गया तो अभ्यर्थी भाग निकला। बिंद में 22 शिक्षकों का नियोजन हुआ। हालांकि आठ पद रिक्त रह गया। यहीं पर एक फर्जी प्रमाण पत्र भी पाया गया। जबकि सिलाव प्रखंड में 26 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। हिलसा के दो पंचायतों के लिए आठ शिक्षकों का चयन किया गया।

कुल मिलाकर थरथरी प्रखंड के कचहरिया पंचायत के, चंडी प्रखंड के तुलसीगढ़ पंचायत का काउंसेलिंग रद्द किया गया। हरनौत प्रखंड में नियोजन इकाई में चल रहे काउंसेलिंग का जायजा लेने खुद जिला शिक्षा पदाधिकारी केशव प्रसाद पहुंचे थे।