पटना

बिहारशरीफ: जिस डर से भाग रहे थे अध्यक्ष वही हुआ- को-ऑपरेटिव बैंक की वर्चुअल आमसभा में जमकर हंगामा


      • अध्यक्ष ने कहा बैंक विकास की ओर अग्रसर
      • पूर्व अध्यक्ष विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा बैंक का एनपीए बढ़ा रद्द कर सकता है आरबीआई लाइसेंस

बिहारशरीफ (आससे)। नालंदा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की वर्चुअल बैठक रविवार को हुई। यह बैंक की वार्षिक आमसभा भी थी। वर्चअल बैठक काफी हंगामेदार रही। बैंक के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने पावापुरी, बिंद और थरथरी में को-ऑपरेटिव बैंक की जहां शाखा खोले जाने की बात कही और कहा कि पैक्सों में माइक्रो एटीएम लगेगा। जिले के 11 पैक्स को एसएफसी से राशि दिलाकर डिफॉल्टर मुक्त कराया जायेगा।

वहीं दूसरी ओर को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष तथा अस्थावां विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार ने वर्चुअल मीटिंग में हीं अध्यक्ष द्वारा लिये जा रहे गलत निर्णय से बैंक की शाख पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वार्षिक आमसभा की बैठक महज खानापूर्ति रही। लगातार बैंक घाटे में चल रही है। बैंक की एनपीए की राशि 35 करोड़ हो गयी है एवं जिले के 38 पैक्स डिफॉल्टर हो गये है, जिनके पास लगभग 16 करोड़ रुपया बकाया है एवं लगातार बैंक का डिपॉजिट घट रहा है। इसके साथ हीं बैंक अध्यक्ष की गतिविधियां और व्यवहार से एमडी से लेकर स्टाफ तक परेशान है, जिससे बैंक के कार्य पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बैंक के दैनिक कार्यविधियों में भी अनावश्यक अध्यक्ष दखल दे रहे है, जिससे बैंक का लाइसेंस आरबीआई रद्द कर सकती है।

डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा कि बैंक के निदेशक भी मान रहे है कि बैंक में भ्रष्टाचार व्याप्त है। पैक्स अध्यक्षों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। इसी वजह से वार्षिक आमसभा सभागार में ना बुलाकर अध्यक्ष ने वर्चुअल की है। यह कहना लाजिम होगा कि वर्तमान बैंक के अध्यक्ष  लोगों के बीच विश्वास खो बैठे है और बैंक को गर्त में ले जा रहे है। उन्होंने कहा कि नालंदा केंद्रीय सहकारिता बैंक के अस्तित्व की रक्षा हेतु हमेशा तैयार है और तैयार रहेंगे। बैंक और पैक्स अध्यक्ष की मजबूती के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे।

भले ही हो-हंगामा के डर से अध्यक्ष ने बैंक की आमसभा वर्चुअल बुलाई थी। लेकिन वर्चुअल आमसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। हालांकि अध्यक्ष ने कहा है कि मानव संसाधन विकसित के लिए कोरोना काल में भी बैंक कर्मी को नाबार्ड से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। जल्द हीं ऋण वसूली और एनपीए कम करने के लिए समझौता योजना लागू की जायेगी। एटीएम वैन की व्यवस्था की जा रही है। आरबीआई और नाबार्ड के नियमों के अनुसार अपना डोमेन आईडी और वेबसाइट शुरू की जायेगी। कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से 11वां पुनरीक्षण वेतन लागू किया जायेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि बैंक का विस्तार कर पावापुरी, बिंद और थरथरी में नया शाखा खोला जायेगा। जिले में 45093 किसानों से 2 लाख 70 हजार 410 टन धान की खरीद की गयी। इसके एवज में 5 अरब 11 करोड़ 88 लाख 63 हजार 874 रुपया किसानों को समर्थन मूल्य भुगतान किया गया है। जिले के 434 किसानों से 21886 टन गेहूं खरीदा गया है। इसके लिए 44 करोड़ 43 लाख 31 हजार रुपया कैश क्रेडिट ऋण उपलब्ध कराया गया है।

अध्यक्ष की मानें तो निदेशक मंडल के कुशल प्रबंधन की वजह से कोरोना काल में भी बैंक बेहतर प्रदर्शन करते हुए 1 करोड़ 10 लाख 11 हजार रुपये का लाभ अर्जित किया है। बैंक ‘ए’ श्रेणी प्राप्त करने में सफल हुआ है। बैठक में प्रबंध निदेशक जितेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष पंकज कुमार, निदेशक विंदेश्वरी प्रसाद वर्मा, नरेंद्र कुमार, राकेश रंजन, मो- माज अहमद, सुधा सिंह, रामविलास प्रसाद, सूर्यकांत प्रसाद आदि लोग हिस्सा लिये।