पटना

बिहारशरीफ: दो गुटों के बीच हुए विवाद एवं गोलीबारी में गयी एक की जान


      • शव उठाने में पुलिस को चार घंटे करनी पड़ी मशक्कत
      • अपराधियों को पकड़ने गयी पुलिस पर रोड़ेबाजी बचाव में पुलिस ने की हवाई फायरिंग

बिहारशरीफ (आससे)। मछली मारने का विवाद इस कदर बढ़ा कि इसकी कीमत हत्या से चुकाया गया। विवाद की शुरुआत भले ही हल्के ढंग से हुई, लेकिन बाद में मारपीट और फिर गोलीबारी हुई और इसी गोलीबारी में हरनौत थाना के मुढ़ारी गांव के हीरा पासवान की मौत हो गयी। हत्या के बाद लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। सूचना पाकर पहुंची पुलिस को शव पोस्टमार्टम के लिए लाने हेतु अपने कब्जा में लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

लगभग चार घंटे तक पुलिस मशक्कत में जुटी रही। आक्रोशित लोग आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। इधर दूसरी ओर बदमाशों को गिरफ्तार करने हेतु छापामारी कर रही पुलिस पर महिलाओं ने रोड़ेबाजी की, जिसके बाद पुलिस को भी आत्मरक्षार्थ हवाई फायरिंग करनी पड़ी। यह अलग बात है कि पुलिस ने गोली चलाने की घटना से इन्कार किया है। समाचार प्रेषण तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक युवक के सिर में चोट लगी और खून बहने लगा, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच गोलीबारी होने लगी। इसी गोलीबारी में मवेशी लेकर गांव लौट रहा हीरा पासवान को गोली लगी, जिसकी उसकी मौत हो गयी।

सूचना पाकर हरनौत, वेना सहित अन्य थाना की पुलिस तथा सदर एसडीपीओ घटना स्थल पर पहुंचे, लेकिन मृतक के लोगों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दी। वे लोग अपराधियों की गिरफ्तारी तथा मृतक के परिवार को नौकरी देने की मांग कर रहे थे। घटना स्थल पर पहुंचकर हरनौत के बीडीओ ने मृतक के परिजनों को तत्काल पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये का सहायता राशि का चेक दिया। काफी समझाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए उठाया जा सका।

इधर दूसरी ओर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने जब बदमाशों के यहां छापामारी की तो उस गुट के लोग गुस्से में आ गये। बताया जाता है कि फलहनवां गांव के पास से खेत में छिपे दो युवकों को पुलिस ने हिरासत में ली, जिसके बाद महिलाओं ने पुलिस पर रोड़े बरसाने शुरू की और पुलिस को भागना पड़ा।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पहले से गुटबाजी थी और इस गुटबाजी में पहले भी गोलीबारी हो चुका है, जिसमें एक व्यक्ति घायल भी हुआ था। समाचार प्रेषण तक मामले की लिखित सूचना नहीं दिये जाने के कारण ना तो प्राथमिकी दर्ज हुई है और ना ही बदमाशों की गिरफ्तारी हुई।