पटना

बिहारशरीफ: प्रमंडलीय आयुक्त ने विम्स की व्यवस्था पर डीएम, प्राचार्य और अधीक्षक के साथ की वर्चुअल बैठक


      • कोविड संक्रमण को देखते हुए विम्स में सुरक्षित प्रसव और ऑपरेशन की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित कराने को कहा
      • आयुक्त का निर्देश प्रखंड स्तर पर चलाये टीका एक्सप्रेस

बिहारशरीफ (आससे)। प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान (विम्स) में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के सुविधा एवं संचालन कार्यों की समीक्षा की। वर्चुअल समीक्षा में नालंदा डीएम योगेंद्र सिंह, विम्स के प्राचार्य डॉ. पीके चौधरी, अधीक्षक ने हिस्सा लिया।

आयुक्त ने कहा कि अस्पताल में कोविड पॉजीटिव गर्भवती महिलाओं के प्रसव की सफल, सुचारू एवं सुरक्षित व्यवस्था करे ताकि संक्रमित गर्भवती महिलाओं का स्थानीय स्तर पर आसानी से गुणवत्तापूर्ण सुविधा मिले। उन्हें किसी दूरस्थ एवं खर्चीले अस्पताल में जाना ना पड़े इसके लिए नॉर्मल एवं सिजेरियल दोनों प्रकार की व्यवस्था अस्पताल में कराये। इस कार्य के सुचारू संचालन हेतु स्त्री एवं प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर एवं नर्स की तैनाती करें। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक को इस कार्य की सतत एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया।

आयुक्त ने कोविड संक्रमण के इस दौर में अस्पताल में ऑपरेशन की सुचारू एवं सुदृढ़ व्यवस्था कराने को कहा। गरीब मरीजों को दूर के किसी खर्चीले अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़े। विशेषज्ञ डॉक्टर के माध्यम से उच्च कोटि के ऑपरेशन की सुविधा इस अस्पताल में उपलब्ध हो सके इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रमंडलीय आयुक्त ने प्राचार्य एवं अधीक्षक को कहा कि तत्काल इन व्यवस्थाओं को अस्पताल में मुहैया कराना सुनिश्चित करें।

प्रमंडलीय आयुक्त ने नालंदा डीएम को समय-समय पर अस्पताल का विजिट करने, स्वास्थ्य सेवा में सुधार हेतु अपेक्षित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। प्रमंडलीय आयुक्त ने शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग एवं टीकाकरण की सुचारू एवं सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इसके लिए पीएचसी स्तर पर टेस्टिंग और टीकाकरण हेतु अलग-अलग टीम बनाने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि 24 मई को नालंदा में 4400 लोगों को टीका लगाया गया है और अब तक जिले के 288814 लेागों को टीका लगाया जा चुका है।

आयुक्त ने निर्देश दिया कि दूरस्थ ग्रामीण इलाके में उनके घर पर टीकाकरण हेतु प्रत्येक प्रखंड में टीका एक्सप्रेस चलाये ताकि गांव के लोगों को उनके घर पर ही टीका से आच्छादित किया जा सके। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को लक्ष्य निर्धारित कर प्रतिदिन के कार्यों का प्रभावकारी मॉनिटरिंग करने को कहा।