पटना

बिहारशरीफ: विधान पार्षद रीना यादव ने रसोइया के मानदेय भुगतान का मामला उठाया


जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मानदेय वृद्धि एवं 10 माह के बजाय 12 माह के वेतन भुगतान के लिए भारत सरकार को लिखा गया है पत्र

बिहारशरीफ (आससे)। विधान परिषद् में रसोइया के मानदेय भुगतान का मामला उठा। स्थानीय निकाय परिषद् नालंदा के निर्वाचित विधान पार्षद रीना यादव ने यह मामला उठाया। उन्होंने सदन से यह जानना चाहा कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना अंतर्गत कार्यरत रसोईया सह सहायकों का पारिश्रमिक 12 मास से नहीं दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पारिश्रमिक नहं मिलने से उन्हें रोजमर्रा का जीवन जीने में कठिनाई हो रही है। अधिकांश रसोईया अनुसूचित जाति, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग की महिलाएं है। ऐसे में एक साल से मानदेय का भुगतान नहीं किये जाने से उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न है।

विधान पार्षद ने यह भी मामला उठाया कि उनके पारिश्रमिक में वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने सदन से यह जानना चाहा कि क्या सरकार उनके पारिश्रमिक बढ़ाने पर तथा ससमय भुगतान करने पर विचार रखती है।

इस आलोक में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन को बताया कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव के निदेश के आलोक में रसोइया सह सहायक को अंशकालीन श्रमिक माना गया है, जिनका कार्य विद्यालय कार्य दिवस में मात्र एक समय का भोजन तैयार करना है। रसोइया सह सहायकों का मानदेय भुगतान ससमय करने हेतु निदेशालय द्वारा सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना को निर्देश दिया गया है।

वर्तमान में रसोइया सह सहायकों का मासिक पारिश्रमिक 1500 रुपया है, जिसमें वृद्धि करने एवं 10 माह के स्थान पर 12 माह का पारिश्रमिक भुगतान करने हेतु निदेशालय भारत सरकार को 22 दिसंबर 2019 को अनुरोध किया गया है।