पटना

बिहार के 50 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों में बनेंगे मॉडल लैब


      • पहले चरण में पटना के सात स्कूल शामिल
      • बीईपी का पटना आईआईटी से हुआ करार
      • मंत्रियों की अनुशंसा पर भी एक-एक स्कूल शामिल होंगे योजना में

 (आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के 50 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों में मॉडल लैब बनेंगे। हर विषय के मॉडल लैब पर 15 से 16 लाख रुपये खर्च होंगे। लैब को फर्नीचर से सुसज्जित करने का कार्य विद्यालय विकास कोष से होगा। संबंधित स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों को पटना आईआईटी द्वारा ट्रेनिंग भी दी जायेगी। पहले चरण में 50 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों में शामिल पटना के सात अनुकरणीय प्लस-टू स्कूल में मॉडल  लैब बनेंगे। दूसरे चरण में बाकी 43 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों में मॉडल लैब बनेंगे। इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की मौजूदगी में शुक्रवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद एवं पटना आईआईटी के बीच एमओयू हुआ।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि लैब के लर्निंग आउटकम का आकलन होना चाहिये। इसमें आईआईटी सहयोग करे। आईआईटी के साथ शिक्षा विभाग के शुरू हुए शैक्षिक संबंध की चर्चा करते हुए उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में ये संबंध और प्रगाढ़ होंगे। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों के प्रचार्यों से कहा कि मॉडल लैब योजना को ईमानदारी से लागू करें। शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि विज्ञान को समझने के लिए लैब जरूरी है। लैब में ही हम विज्ञान को साकार रूप में देखते हैं।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने कहा कि राज्य में प्लस-टू स्कूलों की संख्या बढ़ कर 9,360 हो गयी है। मॉडल लैब से लर्निंग आउटकम बेहतर होगा। मॉडल लैब योजना में फिलहाल 50 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूल शामिल हैं। इसमें से सात स्कूल पटना के हैं, जिनमें पहले चरण में मॉडल लैब बनेंगे। पटना आईआईटी के निदेशक प्रो. त्रिलोकनाथ सिंह ने कहा कि आईआईटी का प्रयास है कि स्कूल-कॉलेजों का मानक राष्ट्रीय स्तर का हो। इसके लिए जरूरी है कि फिजीक्स, केमेस्ट्री एवं कंप्यूटर साइंस के लैब मॉडल हों। लैब चलाने की जिम्मेदारी प्रिंसिपल लें।


ये हैं अनुकरणीय प्लस-टू स्कूल

पटना (आशिप्र)। राज्य के 50 अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों में पटना के सात स्कूल हैं-बांकीपुर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (पटना हाई स्कूल), देवीपद चौधरी स्मारक (मिलर) उच्च माध्यमिक विद्यालय, टी. के. घोष एकेडमी, पटना कॉलेजियेट स्कूल, मंजू सिन्हा प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय  (बख्तियारपुर) एवं आरएसएम रेलवे एडेड उच्च विद्यालय (मोकामा घाट)।

अनुकरणीय विद्यालयों में समस्तीपुर जिले के तीन स्कूल हैं- विद्यापति उच्च विद्यालय (मउवाजिदपुर दक्षिण), उच्च विद्यालय (सरायरंजन) एवं सी. एच. उच्च विद्यालय (दलसिंहसराय)। इसी प्रकार अररिया के उच्च विद्यालय (अररिया), अरवल के बालिका उच्च विद्यालय (अरवल), औरंगाबाद का राजकीयकृत टाउन इंटर विद्यालय (औरंगाबाद), बांका के एस. एस. बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय (बांका), बेगूसराय के बीएसएस कॉलेजिएट प्लस-टू विद्यालय (बेगूसराय), भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, भोजपुर के हितनारायण क्षत्रीय प्लस-टू विद्यालय (आरा), बक्सर का एस. पी. विद्यामंदिर, दरभंगा के प्लस-टू एम. एल. एकेडमी (लहेरियासराय), पूर्वी चंपारण के प्लस-टू इंटर कॉलेज जिला स्कूल (मोतिहारी) एवं मंगल सेमिनरी (मोतिहारी), गया के मारवाड़ी प्लस-टू उच्च विद्यालय (गया), गोपालगंज के एस. एस. बालिका उच्च विद्यालय (गोपालगंज), जमुई के प्लस-टू उच्च विद्यालय (जमुई), जहानाबाद के सुखदेव प्रसाद वर्मा प्लस-टू स्कूल (टेहटा), कैमूर के एबीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (भभुआ), कटिहार के प्लस-टू गांधी उच्च विद्यालय (कटिहार), खगडिय़ा के जे. एन. के. टी. इंटर स्कूल, किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड के प्लस-टू रसेल उच्च विद्यालय, लखीसराय के के. आर. के. आदर्श उच्च विद्यालय, मधेपुरा के राजकीय केशव कन्या उच्च विद्यालय, मधुबनी के एसएनएसटीएनजी वाटसन प्लस-टू उच्च विद्यालय, मुंगेर के बैजनाथ राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, मुजफ्फरपुर के राजकीय जिला स्कूल, नालंदा के राजकीयकृत कन्या उच्च विद्यालय (सोसराय) एवं राष्ट्रीय महात्मा गांधी उच्च विद्यालय (गुरूशरणपुर, बेन), नवादा के इंटर विद्यालय (हिसुआ), पूर्णिया के बी. बी. एम. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रोहतास के शेरशाह इंटर प्लस-टू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सासाराम), सहरसा के प्लस-टू राजकीय उच्च विद्यालय, सारण के राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (छपरा), शेखपुरा के डी. एम. मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शिवहर के श्रीनवाब उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सीतामढ़ी के सीतामढ़ी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (डुमरा) एवं महंथ विवेकानंद गिरि उच्च विद्यालय (मानेचीर, रून्नी सैदपुर), सिवान के वी. एन. उच्च विद्यालय-सह-इंटर कॉलेज, सुपौल के हजारी प्लस-टू उच्च विद्यालय (गौरवगढ़) एवं प्लस-टू उच्च विद्यालय (विलियम विद्यालय, सुपौल), वैशाली के एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (हाजीपुर) तथा पश्चिम चंपारण के राज उच्च विद्यालय (बेतिया) आदर्श (अनुकरणीय) विद्यालय के लिए चयनित स्कूलों की सूची में शामिल हैं।


माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के मंत्रियों की अनुशंसा पर भी उनके क्षेत्र के एक-एक प्लस-टू स्कूल में मॉडल लैब योजना लागू होगी। इस पर काम चल रहा है। मॉडल लैब योजना के तहत संबंधित स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों को पटना आईआईटी द्वारा लैब संचालन की ट्रेनिंग भी दी जायेगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने उम्मीद जतायी कि मॉडल लैब योजना से विज्ञान की पढ़ाई गुणवत्तापूर्ण तरीके से होगी। एमओयू पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से राज्य परियोजना निदेशक श्रीकान्त शास्त्री एवं पटना आईआईटी की ओर से निदेशक प्रो. त्रिलोकनाथ सिंह ने हस्ताक्षर किये। शिक्षा विभाग के डॉ. मदन मोहन झा स्मृति सभागार में समारोह का आयोजन किया गया था।

समारोह में शिक्षा विभाग के सचिव असंगवा चुबा आओ, विशेष सचिव व माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, विशेष सचिव व जन शिक्षा-सह-पीएम पोषण योजना के निदेशक सतीश चन्द्र झा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश, शोध-प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा,  माध्यमिक शिक्षा के शिवनाथ प्रसाद, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक विजय कुमार हिमांशु, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के रविशंकर सिंह, किरण कुमारी, पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार तथा शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (पटना हाई स्कूल) के प्राचार्य डॉ. आशुतोष कुमार एवं केमेस्ट्री की प्लस-टू शिक्षिका डॉ. अर्चना कुमारी सहित पटना के सभी सात अनुकरणीय प्लस-टू स्कूलों के प्राचार्य व विज्ञान शिक्षक मौजूद थे।