विप मनोनयन कोटे के लिए सीएम अधिकृत
(आज समाचार सेवा)
पटना। सरकार ने राज्य में इथेनॉल हब के निर्माण के लिए नयी नीति को मंजूरी दे दी है। इसके साथ में गन्ना, मक्का एवं चावल की गुंडी से इथेनॉल बनाने के निए निजी निेवेशकों का पूंजीनिवेश का रस्ता साफ होगा ही नये उद्योगों का जाल बिछने की उम्मीद बढ़ गयी है। इथेनॉल उत्पादक कंपनियों को संयंत्र लागने के लिए बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत छूट दिये जाने की बात कही गयी है।
इसके अतिरिक्त विधान परिषद के मनोनयन कोटे के रिक्त १२ सीटों पर मनोनयन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। इसके साथ ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो जायेगी। सूत्रों के अनुसार होली के बाद कभी भी मनोनयन कोटे के १२ सदस्यों का मनोनयन होना तय है।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार केंद्र से हाल ही में बिहार में इथेनॉल उत्पादन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी। उद्योग विभाग केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद इस क्षेत्र के उद्योग की स्थापना के लिए नयी नीति का निर्माण शुरू कर दिया था। मंगलवार को उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन ने विस में कहा था कि इथेनॉल नीति बनाने वाला बिहार पहल राज्य बनेगा। उन्होंने जल्द ही बिहार की जनाता को नयी खुशखबरी देनें की बात कही थी। अब नयी नीति को मंजूरी मिल गयी है। इसे विधानमंडल से पारित कराकर अमली रूप दिया जायेगा।
इस नीति के तहत कोसी, सारण, तिरहुत, मिथिलांचल के बंद पड़े नौ चीनी मिलों में इथेनॉल निर्माण उद्योग लगाने की प्रकिया शुरू हो जायेगा। इसके साथ ही बियाडा की खाली पड़ी २५०० एकड़ भूमि पर इथेनॉल उद्योग लगाने का प्रयास शुरू हो जायेगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों से संबंधित राशि जारी करने का फैसला हुआ है।
इसके अतिरिक्त नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को विद्युत विपत्रों क भुगतान के लिए ७०० करोड़ की सहायक अनुदान राशि देने का निर्णय हुआ है। इसी तरह प्रोफेशनल टैक्स से प्राप्त राशि को जनसख्ंया के आधार पर शहरी निकायों में वितरित करने का निर्णय हुआ है।
मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत निश्चय स्वयं भत्ता के लिए एक हजार करोड़ की स्वीकृति दी गयी है। बिहार अर्बन ट्रांस्पोर्ट सर्विस लिमिटेड को स्ट्राइक ऑफ किया जायेगा। पटना विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक २०२१ एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग संशोधन विधेयक २०२१ को मंजूरी दी गयी है।