पटना। : जनसुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के अलग-अलग गांवों और शहरों में जाकर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। हर जगह वह अलग-अलग तरह के मुद्दे उठा रहे हैं। सी क्रम में उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्लान बताया है।
प्रशांत किशोर ने बताए 3 प्लान
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने तीन ऐसे प्लान बताए हैं जिनमें प्रखंड स्तर पर फोकस किया गया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन शिक्षा का स्तर एकदम नीचे ही पहुंचता जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा मानना है कि इस 40 हजार करोड़ में से 15 हजार करोड़ हटाकर नई शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेतरहाट का नाम सुना होगा। वह सरकारी विद्यालय था जब बिहार और झारखंड एक था।
प्रशांत किशोर ने बताया ‘नेतरहाट’ वाला प्लान
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि नेतरहाट जैसा स्कूल यदि आपको हर प्रखंड में बनाना है तो करीब-करीब 1500 करोड़ रुपये हर साल खर्च करना पड़ेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि हमलोगों की सोच यह है कि हर प्रखंड में हर साल एक विश्वस्तरीय विद्यालय बनाया जाए। 5 साल में अगर आप हर प्रखंड में 5 स्कूल बना देंगे तो हम लोग जिओ मैपिंग करवा रहे हैं तो यह दिख रहा कि यदि पांच विद्यालय ठीक जगह पर बना दिए जाएं तो हर विद्यार्थी को 30 मिनट से कम समय में स्कूल पहुंचाया जा सकता है।
यानी, हमलोगों की सोच है कि विद्यालयों को बच्चों तक ले जाने के बजाय बच्चों को अच्छे स्कूल में ले जाया जाए। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर एक साल हर प्रखंड में एक नेतरहाट जैसा विद्यालय बना रहे हैं तो 10 साल में 10 ऐसे विद्यालय बन जाएंगे। फिर सोचिए अगर हर प्रखंड में 10 नेतरहाट जैसे स्कूल बन जाएं तो शिक्षा व्यवस्था कैसी होगी।