पटना

बिहार में 7000 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति जल्द


पटना (आससे)। बिहार सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में घोषणा की है कि राज्य के सभी 13 यूनिवर्सिटी में जो भी रिक्त पद हैं उन्हें जल्द भरा जायेगा। भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा के ध्यानाकर्षण पर शिक्षामंत्री ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया लंबे अरसे से लंबित है, जिसे शीघ्र की शुरू किया जायेगा।

आज इस मामले को बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए बीजेपी विधायक नीतिश मिश्रा समेत अन्य सदस्यों ने उठाया था। बीजेपी विधायक ने सरकार से यह जानना चाहा कि राज्य के 13 विश्वविद्यालयों में कुल 12893 शिक्षकों का पद सृजित है। इनमें से 7000 से ज्यादा पद अभी भी खाली हैं। सरकार इन रिक्त पदों पर कब बहाली करने जा रही है।

झंझारपुर के विधायक श्री मिश्र ने कहा कि बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे पठन-पाठन में दिक्कत आ रही है। इनकी नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग में साल 2020 में जो प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन आयोग ने अब तक क्या किया है, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। पूर्व मंत्री श्री मिश्र ने सरकार से यह भी पूछा कि स्कूल 52 विषयों में 4638 से शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, इनमें से 82 शिक्षकों को अब तक नियुक्त नहीं किया जा सका है। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है।

इसके जवाब में सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हुई है। यह बात सभी जानते हैं कि कोरोना की वजह से काफी मामलों में देरी हुई, लेकिन अगर भाजपा विधायक यह कह रहे हैं कि कोरोना में जीना सीखना होगा और इसके लिए सभी कामों को लंबित नहीं किया जा सकता, तो यह भी सच है कि इस बात को समझने में हमें 2 साल का वक्त लग गया। अब सब कुछ ट्रैक पर हैं और नियुक्ति प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में भरोसा दिया कि राज्य के अंदर फास्ट्रेक के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली जल्द पूरी कर दी जाएगी। फिलहाल गेस्ट फैकेल्टी के माध्यम से पढ़ाई जारी है। शिक्षामंत्री ने यह भी साफ किया कि गेस्ट फैकेल्टी को इसी शर्त के साथ रखा गया है कि नियमित नियुक्ति हो जाने पर इनकी सेवाएं नहीं ली जायेंगी।