पटना

बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल ने गिनायी उपलब्धियां


कानून का राज स्थापित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता, सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील है सरकार : चौहान

(आज समाचार सेवा)

पटना। राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण के साथ बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया। राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियों पर संतोष जाहिर करते हुए उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के उत्थान के प्रति प्रयत्नशील है। राज्य में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही विपक्ष की ओर से माले के सत्यदेव राम ने समानांतर अभिभाषण देते हुए सरकार के हर मोरचे पर विफल रहने, कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट होने तथा बेरोजगारी के कारण युवाओं पलायन करने की बात कही।

राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहा है। कोरोना महामारी के कारण हमारा देश मार्च २०२० से प्रभावित है। विश्व के अनेक देश तो और ज्यादा समय से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि कारोना से बचाव के लिए राज्य में टीकाकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नियमित रुप से इसका अनुश्रवण किया जा रहा है। कारोना संक्रमण के कारण कई परिवारों ने अपने प्रियजन को खोया है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये की दर से अनुग्रह अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष २०२० से यह अनुदान मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जा रहा है। किंतु जुलाई २०२१ से यह आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दिया जा रहा है। ५० हजार रुपये की दर से अतिरिक्त राशि भी दी जा रही है। जिसे केंद्र सरकार ने आपदा राहत मद से अनुमान्य किया है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है और राज्य सरकार ने हमेशा से सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है। सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था संधारण के लिए सभी आयामों पर योजनावद्घ तरीके से काम किया गया है। इसके लिए पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी है। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। भ्रष्टाचार के विरुद्घ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष २०२१ में भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति तथा पदों के दुरूपयोग से संबंधित भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्घ ५७ मामले दर्ज किये गये हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रशासनिक सुधार के कार्यक्रमो को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम २०११ के तहत अब तक २८ करोड़ से अधिक सेवाऐं प्रदान की गयी है। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अब तक छह लाख से अधिक लोगों के शिकायतों को निवारण किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम पार्ट वन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सात निश्चय पार्ट टू  के तहत कुछ नये संकल्प लिये गये हैं। इनमें कई योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है तथा अन्य की कार्य योजना तैयार की जा रही है। युवा शक्ति बिहार की प्रगति की योजनाओं पर भी तेजी से काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड १९ महामारी एवं लॉकडाउन के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचा है। इस दौरान राज्य सरकार खर्च में १३ प्रतिशत की वृद्घि हुई है। कोरोना काल में भी राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए निर्धारित राजकोषीय घाटा एवं ऋण दायित्व की सीमा का बखुबी पालन किया है। राज्यपाल ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना विकास का कार्य कराया जा रहा है।

पटना में मेट्रो रेल का निर्माण शुरू हो गया है। राज्य में नये नगर निकाय बनाये गये हैं तथा कई नगर निकायों को पुनर्गठित एवं उत्क्रमित किया गया है। इसके फलस्वरुप नगर निकायों की संख्या १४२ से बढक़र २६२ हो गयी है। इससे शहरी क्षेत्र का विस्तार हुआ है। नगर निगमों के मेयर एवं डिप्टी मेयर तथा नगर परिषद एवं नगर पंचायत के मुख्य पार्षद तथा उप मुख्य पार्षद का आम जनता द्वारा सीधा निर्वाचन का अध्यादेश जारी किया गया है।

उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। बिजली के उत्पादन, संचरण एवं वितरण की व्यवस्था की सुदृढ किया गया है। बिजली के क्षेत्र में हुए सुधारों का नतीजा है कि वर्ष २००५ में बिजली की आपूर्ति जहां ७०० मेगावाट थी वह अब बढक़र ६६०० मेगावाट से अधिक हो गयी है। बिहार पहला राज्य है जहां प्रीपेड मीटर लगाये जा रहे हैं। अब तक चार लाख ३३ हजार स्मार्ट प्री पेड मीटर लगाकर बिहार देश में पहले स्थान पर बना हुआ है।

राज्य सरकार ने मानव संसाधन की पूरी क्षमता के उपयोग के लिए शिक्षा पर शुरू से ही विशेष ध्यान दिया है। समाज सुधार के कार्यक्रम लगातार चलाये जा रहे हैं। सबसे पहले शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गयी। समाज सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्घ राज्यव्यापी अभियान चलाया जा रहा है, जिसे लोगों का पूरा समर्थन मिला है।

उन्होंने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म के विकास के कार्यों को पर्यावरण, वन एवं जलवायू परिवर्तन विभाग से कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए विभाग में ईको टूरिज्म विंग की स्थापना की गयी है। इसके अंतर्गत पहाड़ी, वन एवं वन्य प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाओं का निर्माण एवं रख रखाव किया जायेगा। इसके लिए ईको टूरिज्म पॉलिसी का निर्धारण किया जा रहा है। राज्य विभाजन के बाद बिहार का हरित आवरण नौ प्रतिशत था वह अब १५ प्रतिशत हो गया है।