News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

बुलेट ट्रेन को लेकर रेलवे ने दी अहम जानकारी, बताया कहां तक पहुंचा प्रोजेक्ट का काम


नई दिल्ली, । Mumbai-Ahmedabad bullet train: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर भारतीय रेलवे से अहम जानकारी साझा की है। हालांकि बुलेट ट्रेन अगले साल यानि 2023 में चलनी थी, लेकिन महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण की धीमी रफ्तार के कारण इसमें देरी हो रही है। इससे पहले कोरोना महामारी की वजह से प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने में देरी हुई थी। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की पूर्व सरकार बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण करवाने में रुचि नहीं दिखा रही थी।

बुलेट ट्रेन (Bullet train Progress Report) का कितना काम पूरा हुआ है और कितना बाकी है, इसको लेकर रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके प्रोग्रेस रिपोर्ट शेयर की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस राज्य में कितनी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। रेल मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक, गुजरात में 98.8 फीसद, दादर और नागर हवेली में 100 फीसद और महाराष्ट्र में 75.25 फीसद भूमि अधिग्रहित हो चुकी है। वहीं, वर्क प्रोग्रेस की बात करें तो 162 किलोमीटर पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है, जबकि 79.2 किलोमीटर तक का पियर वर्क भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा, साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब का काम लगभग पूरा होने को है।

Bullet train Progress Report :

Land Acquisition Status-

1) Gujarat: 98.8%

2) DNH: 100%

3) Maharashtra: 75.25%

Progress of Works-

1) 162 km of Piling work completed

2) 79.2 km Pier work completed

3) Passenger Terminal Hub at Sabarmati is nearing completion. pic.twitter.com/4Ezh3lRkHy

— Ministry of Railways (@RailMinIndia) August 16, 2022बता दें कि पहले चरण में बुलेट ट्रेन का रूट 508.17 किलोमीटर लंबा है, जो कि महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे और पालघर से होकर गुजरेगा। गुजरात में वलसाड, नवसारी, सूरत, भारूच, वडोडरा, आणंद, खेड़ा और अहमदाबाद से होकर गुजरेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मार्च महीने में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल में विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में भूमि अधिग्रहण में देरी और कोविड-19 के प्रभाव के चलते देरी हुई है।

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन स्पीड

अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। यह दोनों शहरों के बीच लगने वाले समय को छह घंटे तक कम कर देगी।

इस प्रोजेक्ट में कितनी आ रही लागत?

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है और शेयर पैटर्न के अनुसार, केंद्र सरकार को NHSRCL को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है, जबकि इसमें शामिल दो राज्यों – गुजरात और महाराष्ट्र – को प्रत्येक को 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। बाकी राशि का भुगतान जापान द्वारा 0.1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के माध्यम से किया जाना है।