बेगूसराय (आससे)। विद्यालय संचालक और प्रधान की लापरवाही के कारण मैट्रिक बाद की पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के छात्र वित्तीय सहायता से वंचित हो सकते हैं। बच्चों द्वारा सत्र 2018-19 के पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना के लिए आवेदन करने के बावजूद आज भी 13917 विद्यालय स्तर पर सत्यापन नहीं होने के कारण लंबित है। अब विभाग ने 28 फरवरी तक अंतिम समय दिया है। इसके बाद स्कूल संचालकों के लिए साइट बंद हो जाएगा। जबकि जिला स्तर पर आए आवेदन का सत्यापन 15 मार्च तक होगा।
विद्यालय स्तर पर लंबित आवेदनों में से अधिक से अधिक आवेदनों के सत्यापन के लिए डीपीओ ने शुक्रवार को स्कूल संचालकों के साथ सम्रग शिक्षा अभियान कार्यालय के सभागार में बैठक की। ज्ञात हो कि मैट्रिक के बाद की पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने क लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना चलाई गयी है।
लेकिन जिले के स्कूलों के प्रधानों की लापरवाही के कारण वर्ष 2018-19 के 13917 छात्रों का आवेदन आज भी लंबित है। इसमें से 13369 आवेदन विभिन्न संस्थान के स्तर पर एवं 548 जिला स्तर पर लंबित है। दो वर्ष पहले की योजना के लंबित आवेदन पर डीईओ रजनीकांत प्रवीण ने खेद जताया है। साथ ही कहा है कि छात्र-छात्राओं के आवेदनों का सत्यापन लंबित रखा गया है जो सरकार एवं उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना है।
मालूम हो कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना के लिए कुल 48148 आवेदन आए। जो कि अन्य जिले से ज्यादा है। जिसमें से 819 आवेदन बिहार के बाहर का है, जबकि 47329 आवेदन बिहार का था। इसमें से एससी के 11318 आवेदन, एसटी के 130, और ओबीसी क 3660 आवेदन आए। जिसमें से संस्थान द्वारा एससी कोटे के 8091, एसटी कोटे के 91 जबकि ओबीसी कोटे के 26557 आवेदन का सत्यापन किया जा चुका है। जिला स्तर पर एससी के 8055, एसटी के 88 और ओबीसी के 26048 आवेदनों को सत्यापित हो चुका।
साथ ही इतने ही आवेदनों को अप्रुवल कमिटी द्वारा हरी झंडी दी गई। इसके बाद इन सभी आवेदनों को राज्य कार्यालय को भेजा गया है। मालूम हो कि डीपीओ द्वारा बुलाई गई बैठक में शुक्रवार को 75 विद्यालयों में से मात्र 39 विद्यालयों के कर्मी व प्रधान बैठक में आए। जबकि जिले के 36 विद्यालयों के प्रतिनिधि बैठक में दिलचस्पी नहीं लिए। डीपीओ ने बताया कि बचे हुए स्कूलों के प्रधान को फिर से बुलाया जाएगा। ताकि लंबित आवेदनों का सत्यापन समय पर हो सके।