पटना

बेगूसराय: साधन सेवी एवं संकुल समन्वयक को अपने मूल विद्यालय में योगदान करने का डीईओ ने दिया आदेश


बेगूसराय (आससे)। साधन सेवी एवं संकुल समन्वयक को अपने अपने मूल विद्यालय में योगदान करने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत परवीन ने दी है। बताते चलें कि प्राथमिक शिक्षा विभाग पटना के पत्रांक 76, 19 जनवरी के आदेश के आलोक में जिले में प्रतिनियुक्त सभी शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में योगदान करने का आदेश पत्रांक 183,21 जनवरी को निकाला गया था। इसी को लेकर संकुल समन्वयक एवं साधन सेवी को भी मूल विद्यालय में ही योगदान करने का आदेश 25 जनवरी को दिया गया। जिसमें लिखा गया है कि उक्त आदेश 21 जनवरी के प्रभाव से माना जाए बताते चलें कि साधन सेवी एवं संकुल समन्वयक को यह पता भी नहीं था। 26 जनवरी से हम अपने पद पर नहीं रहेंगे। सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में बैठक के दौरान उन्हें पत्र हस्तगत कराया गया।

बताते चलें कि प्रखंड स्तर पर साधन सेवी का अपना बोलबाला हुआ करता था। और, वही संकुल स्तर पर नियुक्त समन्वयक भी अपने अधीन विद्यालयों में जांच कर प्रतिवेदन प्रखंड कार्यालय भेजा करते थे। जहां कुछ संसाधन सेवी अपने को राहत महसूस करते दिखे। तो वहीं ज्यादातर साधन सेवी मायूस भी दिख रहे हैं भला हो भी क्यों नहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के बाद यह प्रखंड में अपने रुतबा में हुआ करते थे। साधन सेवी एवं संकुल समन्वयक बनने के लिए शिक्षक कई तरह की पैरवी भी करवाते हैं।

बताते चलें कि 54 साधन सेवी 134 स्कूल समन्वयक अब अपने विद्यालय में बने रहेंगे उक्त आदेश के देखते ही जिले के कई शिक्षकों में हर्ष है तो वही उदासी भी झलक रही है। अब कई शिक्षक साधन सेवी बनने के लिए जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अब देखना यह होगा कि वाकई में सही शिक्षकों का चयन होता है या फिर जुगाड़ टेक्नोलॉजी अपनाने वाले शिक्षकों का चयन होता है। वहीं सूत्रों की माने तो बिचौलिए भी एक्टिव हो गए हैं और डाक बोलने लगे हैं अब देखना यह होगा की साधन सेवी एवं संकुल समन्वयक की नियुक्ति में पारदर्शिता बरती जाती है या नहीं।