बेनीपट्टी (मधुबनी)। सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से संचालित स्वास्थ्य उपकेन्द्र एएनएम व कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। एएनएम व अन्य कर्मी अपने दरवाजों से ही उपकेन्द्र संचालित कर रहे है। लापरवाही इस कदर की जा रही है कि स्वास्थ्य उपकेन्द्र का ताला तो दूर उक्त केन्द्र की नियमित सफाई भी नहीं कराई जा रही है। मामला प्रखंड के परजुआर स्थित स्वास्थ्य उपकेन्द्र का है। जहां रोजाना तो दूर एएनएम व अन्य कर्मी सप्ताह में भी नजर नहीं आते है। जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में बीमार होने पर मुख्यालय का सरकारी अस्पताल अथवा गांव में कुकुरमुते की भांति उग आए झोला छाप हकीम के पास जाकर इलाज कराना पड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि उक्त केन्द्र पर प्रतिनियुक्त एएनएम कभी भी स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर नजर नहीं आती है। गौरतलब है कि उक्त केन्द्र गांव के संस्कृत विद्यालय के समीप संचालित है। गांव का क्षेत्रफल व आबादी अधिक होने के कारण अधिकतर समय लोग बीमार होते है। ऐसे में गांव की आबादी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने वर्षों पूर्व गांव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्थापना की। परंतु स्वास्थ्य उपकेन्द्र की नियमित देखरेख व साफ-सफाई नहीं होने से एक ओर जहां उपकेन्द्र अतिजर्जरता का शिकार होकर दम तोड़ने के कगार पर पहुंच चुका है।
वहीं दूसरी ओर एएनएम व अन्य कर्मियों की अनुपस्थिति लोगों के घाव पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिन भर एएनएम अड्डा जमाए हुए नजर आती है। जिससे साफ कहा जा सकता है कि एएनएम अपने कार्यों के प्रति कितनी गंभीर है। इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शम्भू नाथ झा ने बताया कि परजुआर का स्वास्थ्य उपकेन्द्र का भवन वर्षों से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में वहा बैठकर कार्य करना मुश्किल है। एएनएम को जो भी कार्य दिया जाता है, उसका पालन हो रहा है।