पटना

मां और बेटा को छह-छह साल की कठोर कारावास की सजा


ग्यारह वर्ष पूर्व श्रृंगार का सामान दिलाने के बहाने किशोरी का किया था अपहरण

जहानाबाद। शहर के होरिलगंज मोहल्ले से गयारह वर्ष पूर्व हुए एक किशोरी के अपहरण मामले में बुधवार को फ़ैसला सुनाते हुए स्थानीय व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे 5 धीरेंद्र मिश्र के अदालत ने गायत्री देवी एवं चंदन रवानी को भादवि की धारा 366ए के तहत दोषी पाते हुए 6-6 साल का कठोर कारावास भुगतने का फ़ैसला सुनाया। इतना ही नहीं आरोपितों को दस हजार रुपये का अर्थदंड का भुगतान करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने अर्थदंड की राशि पीड़िता को भुगतान करने का निर्देश दिया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतना होगा।

बताते चलें कि इस मामले में नगर थाना क्षेत्र के होरिल गंज निवासी ने चंदन रमानी एवं उसकी मां गायत्री देवी व एक अन्य को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज कराया था। प्राथमिकी में सूचक ने उल्लेख किया था कि 20 मई 2010 को मेरी बेटी की रोकसती को लेकर मेरा दामाद आया हुआ था। उसी क्रम में गायत्री देवी और चंदन रवानी मेरे घर पर आए और कहा कि विदाई में बेटी को श्रृंगार का सामान देना चाहिए, मुझे पैसा दीजिए मैं ला दूंगा। इस पर मैंने उसे पांच सौ रुपये दिया तो वह बोली की वह भी मेरे साथ जाएगी। यह कहकर तीनो लोग सामान लाने चले गए। जब देर शाम तक मेरी बेटी नहीं लौटी तब खोजबीन शुरू की गई।

इसी क्रम में जब गायत्री देवी के घर पर गए तो वह वहां नहीं थी। देर रात में जब वह घर लौटी तो उससे पूछा कि मेरी बेटी कहां है, तो उसने बताया कि हम लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है और तुम्हें जो करना है करो। अपर लोक अभियोजक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में अभियोजन की ओर से डॉक्टर अनुसंधानकर्ता समेत 8 गवाहों की गवाही कराई गई थी। जबकि, बचाव पक्ष की ओर से भी गवाह प्रस्तुत किए गए थे।