पटना

पटना आइआइटी बनेगा सेंटर फॉर एक्सिलेंस सेंटर


कैबिनेट के फैसले:

      • 56 करोड़ की सडक़ परियोजनाओं को मिली मंजूरी
      • संबद्ध डिग्री कॉलेज कर्मियों के अनुदान के लिए 76 करोड़
      • मीठापुर से करबिगहिया उपकेंद्र तक बिछेगा अंडरग्राउंड केबल

(आज समाचार सेवा)

पटना। सरकार ने पटना आइआइटी को सेंटर फॉर एक्सिलेंस बनाने का निर्णय लिया है। कास्ट शेयरिंग के आधार पर नौगछिया-कटरिया स्टेशन के बीच आरओबी का निर्माण, पहलेजा-करबंदिया स्टेशन के बीच आरओबी का निर्माण चौसा-गहमर के बीच नया ओवर ब्रिज के निर्माण की योजनाओं को कैबिनेट ने मंगलवार को अपनी मंजूरी दे दी है। इन ओवर ब्रिजों के निर्माण पर लगभग १४६.५६ करोड़ का खर्च आयेगा। कैबिनेट ने वित्त संपोषित डिग्री कॉलेज कर्मियों के अनुदान भुगतान के लिए २४९.७६ करोड़ की मंजूरी दी है।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा मीठापुर स्थित कृषि अनुसंधान परिसर में नये १३२/३३ केवी जीआइएस ग्रिड उपकेंद्र एवं १३२/३३केवी के नये जीआइएस ग्रिड उपकेंद्र मीठापुर से ग्रिड उपकेंद्र करबिगहिया हेतु १३२ केवी अंडरग्राउंड संचरण लइन के निर्माण के लिए १७०.९४ करोड़ की योजना को मंजूरी दी गयी है।

उन्होंने बताया कि वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति के पश्चात संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेजों को वित्तीय सहायता अनुदान के लिए चालू वित्तीय वर्ष में २४९.७८ करोड़ के सहारयक अनुदान की मंजूरी एवं राशि विमुक्ति का निर्णय लिया गया है। उपभोक्ता संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए सलाहकारी परिषद के रुप में राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद एवं जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद नियमावली २०२१ का गठन किया गया है। सदर अस्पताल सासाराम के चिकित्सा पदाधिकारी डा नवीन कुमार सिंह को लगातार अनुपस्थिति के चलते सेवा से बरखास्त किया गया है।

सतत जीविकोपार्जन योजना का अगले तीन वर्ष तक का अवधि विस्तार दिया गया है। जल संसाधन विभाग में तकनीकी परामर्शी प्रदान करने के लिए सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख अंजनी कुमार सिंह की संविदा अवधि को अगले एक वर्ष तक के लिए विस्तारित किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ८४ भोजपुर-बक्सर खंड के फोरलेन के लिए विहियां के मौजा तेतरिया में अवस्थित पुरानी परती अनावाद भूमि को एनएचएआइ को नि:शुल्क हस्तानांतरित किया गया है।

सुशासन के कार्यक्रम के तहत सात निश्चय पार्ट टू के अंतर्गत राजकीय पॉलिटेक्रिक संस्थानों में ड्रोन टेक्रालॉजी, इलेक्ट्रिकल व्हेकिलस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि के प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस की स्थापना की जायेगी। इसके लिए आइआइटी पटना को नॉलेज पार्टनर सहित कार्यान्वयन एजेंसी मनोनीत करने का निर्णय लिया गया है। इस पर कुल ९७ करोड़ खर्च करने की योजना है।

कृषि उद्योग विकास निगम में कार्यरत कर्मियों के १९९३ से २०१७ तक की अवधि का वेतन भुगतान के लिए ११८.७० करोड़ की मंजूरी दी गयी है। इसके लिए बिहार आकस्मिकता निधि से ५७.५५ करोड़ निकासी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्थापना के अंतर्गत सृजित होने वाले विभिन्न कोटि के १९४ इंजीनियरों के नये पदों के सृजन की मंजूरी दी गयी है।