वित्त मंत्री ने कहा कि कर की दर और इसके नियम कानून उद्योग जगत के साथ परामर्श के बाद लागू किए गए। एलारा कैपिटल द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि उद्योग को पूर्ण विश्वास में लेने के बाद ही विंडफॉल टैक्स शुरू किया गया था। हमने कहा था कि हर 15 दिनों में कर की दर की समीक्षा की जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं।
बेहतरी की उम्मीद कायम
भारतीय बांड को वैश्विक सूचकांक में शामिल करने की बात पर मंत्री ने कहा कि महामारी के बाद से कई चीजें बदल गई हैं, खासकर आमद के मामले में। ज्यादातर मामलों में फंड की आमद उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही चीजें बेहतर हो जाएंगी।
कर आधार बढ़ाने पर क्या बोलीं वित्त मंत्री
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कर-जीडीपी अनुपात को बढ़ाने की योजना बना रही है, उन्होंने कहा कि कर आधार को बढ़ाना एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए बहुत अधिक परामर्श और विश्लेषण की आवश्यकता है। बता दें कि देश में अभी कर और जीडीपी का अनुपात लगभग 10 है। वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर फाइलिंग की बढ़ती संख्या से टैक्स बेस के मामले में कुछ प्रगति होने की उम्मीद जगी है।
शताब्दी वर्ष तक कई सुधारों की आवश्यकता
अगले 25 वर्षों के सुधारों और विकास के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि जब तक भारत स्वतंत्रता की पहली शताब्दी मनाएगा, हमें बहुत सी चीजों को ठीक करना होगा, ताकि हम तब तक एक विकसित राष्ट्र बन सकें। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटलीकरण, शिक्षा और अधिक से अधिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, ताकि देश के अंदरूनी इलाके शहरों से अलग-थलग न रह सकें।