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राज्यसभा में कांग्रेस की सीटें घटना तय, आनंद शर्मा की वापसी मुश्किल,


नई दिल्ली। राज्यसभा की 13 सीटों के लिए इस महीने होने जा रहे द्विवार्षिक चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद कठिन नजर आ रहे हैं। राज्यों में पार्टी की कमजोर हुई स्थिति के चलते उच्च सदन में कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा और घटना तय है। मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी के लिए राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा को भी सदन में दुबारा भेजना मुश्किल है। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी को जरूर केरल से दुबारा वापस लाने की पार्टी के पास गुंजाइश है।

क्जिट पोल अनुमान सही रहे तो राज्यसभा के इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ा धक्का पंजाब से लगेगा जहां की पांच सीटों में से एक सीट हासिल करना भी कठिन हो जाएगा। पंजाब में तीन सीटों के चुनाव एक साथ और दो सीटों के एक साथ होंगे। तीन सीटों के चुनाव में एक्जिट पोल के अनुमानों के हिसाब से शायद कांग्रेस को एक सीट मिल जाए। मगर दो सीटों के अलग चुनाव में उसके खाते में कोई सीट नहीं आएगी। जबकि इन पांच सीटों में कांग्रेस के पास इस समय दो सीटें प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह डूल्लो की हैं और दोनों रिटायर हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश की एक सीट जो आनंद शर्मा के रिटायर होने से खाली हो रही है, इस बार कांग्रेस के हाथ से निकल कर सत्ताधारी भाजपा के पास चली जाएगी। ऐसे में कांग्रेस के असंतुष्ट समूह के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे शर्मा के लिए वापसी की गुंजाइश फिलहाल नजर नहीं आ रही है।

त्रिपुरा की एक सीट भाजपा को मिलनी तय

इसी तरह त्रिपुरा की एक सीट भाजपा को तो नगालैंड की एक सीट वहां की सत्ताधारी क्षेत्रीय पार्टी एनपीपी को मिलनी तय है। असम की जिन दो सीटों पर चुनाव हो रहे हैं वे अभी कांग्रेस के खाते में थीं और पार्टी के दोनों सांसद रानी नराह और रिपुन बोरा रिटायर हो रहे हैं। राज्य विधानसभा की मौजूदा स्थिति में कांग्रेस अपने बूते इन दोनों में से एक सीट भी हासिल नहीं कर सकती। लेकिन बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआइयूडीएफ से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने सहयोग लिया तो एक सीट मिलने की गुंजाइश बन सकती है।