पड़ोसी देश से बिगड़े रिश्तों के बीच भारत के 400 से ज्यादा सिख श्रद्धालुओं को बैसाखी (Baisakhi 2021) पर पाकिस्तान जाने की अनुमति दी गई. यह जानकारी शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) ने रविवार को साझा की है. SGPC की तरफ से सचिव मोनिंदर सिंह ने बताया कि बैसाखी पर 437 सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की इजाजत विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई.
सिंह ने बताया कि श्रद्धालु इस दौरान पाकिस्तान में ही मौजूद ननकाना साहिब गुरुद्वारे के भी दर्शन करेंगे. SGPC ने 9 अप्रैल को दो दिवसीय कैंप भी लगाया था. इसमें पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्ट किए गए थे. बताया गया है कि सभी यात्री 12 अप्रैल को पाकिस्तान जाएंगे और फिर 22 अप्रैल को वापस आएंगे.
1974 में हुआ था भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 में द्विपक्षीय समझौता हुआ था. इसके मुताबिक, दोनों ही देशों के नागरिक एक दूसरे देश में स्थित धार्मिक स्थानों पर दर्शन को आ सकते हैं. सिखों के लिए ऐसे चार मौके आते हैं जब वे धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए पाकिस्तान जा सकते हैं. इसमें बैसाखी, गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि और गुरु नानक की जयंती शामिल है.
बताया गया कि कुल 793 लोगों ने ननकाना साहिब जाने की इजाजत मांगी थी, इनमें से 356 नामों को रिजेक्ट किया गया है. फरवरी में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी एक सिख जत्थे ने पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे जाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोरोना का हवाला देते हुए उनको इजाजत नहीं दी गई थी. यह भी कहा गया था कि उस मौके पर कोई भी सिख जत्था पहले भी कभी पाकिस्तान नहीं गया था.