News TOP STORIES उत्तर प्रदेश नयी दिल्ली प्रयागराज राष्ट्रीय

ब्रिटिश अधिकारियों के दौरे ने पकड़ा तूल, कुलपति ने मंत्रालय को पत्र लिख जताया एतराज


प्रयागराज, । ब्रिटिश हाई कमीशन के पालिटिकल एंड बाइलेट्रल अफेयर्स के हेड रिचर्ड बार्लो व राजनीतिक सलाहकार भावना विज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दौरे पर ठन गई है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने दोनों ब्रिटिश अधिकारियों के विश्वविद्यालय में बिना अनुमति छात्रों से बातचीत करने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से गहरी आपत्ति जताई है। विश्वविद्यालय में अचानक तेज हुए धरना प्रदर्शन के लिए ब्रिटिश अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, ब्रिटिश उच्चायोग ने अपने दोनों अधिकारियों के प्रयागराज दौरे को सिर्फ और सिर्फ एक औपचारिक भ्रमण बताया है।

29 अगस्त को प्रयागराज में तीन दिवसीय दौरे पर आए थे

ब्रिटिश हाई कमीशन के पालिटिकल एंड बाइलेट्रल अफेयर्स के हेड रिचर्ड बार्लो व राजनीतिक सलाहकार भावना विज 29 अगस्त को प्रयागराज में तीन दिवसीय दौरे पर आए थे। पहले दिन वे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा ¨सह के साथ सीनेट परिसर में घूमे। इस दौरान छात्रों से मिले थे। उन्हें ब्रिटिश सरकार की ओर से भारतीय छात्रों के लिए चलाई जा रही विभिन्न फेलोशिप की जानकारी दी थी। साथ ही कुछ छात्रनेताओं के साथ छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे पर भी बातचीत की थी। वहीं दूसरे दिन वह जिलाधिकारी से भी मिलने गए थे। वहां पर उन्होंने महाकुंभ की तैयारी को लेकर अपनी उत्सुकता प्रकट की थी। इस दौरान रिचर्ड बार्लो ने मीडिया से बताया था कि वे प्रयागराज में ब्रिटिश सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को दिए जाने वाले फेलोशिप के बारे में बताने आए हैं। छात्र इसका लाभ उठाकर अपना भविष्य संवार सकते हैं। हालांकि ब्रिटिश अधिकारियों के जाते ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उनका दौरा विवाद का विषय बन गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना अनुमति उनके विश्वविद्यालय परिसर में भ्रमण पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया।

इवि प्रशासन द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश उच्चायोग के दो अधिकारी विश्वविद्यालय आए और कुछ तथाकथित छात्र नेताओं के माध्यम से विभिन्न विभागों में छात्रों से संपर्क किया। छात्रसंघ के मुद्दे सहित कुछ अन्य विवादित विषयों पर छात्रों से भड़काने वाली बातें कीं। इसका परिणाम यह हुआ कि फीस वृद्धि के मुद्दे पर छात्रों ने विश्वविद्यालय में आंदोलन करना शुरू कर दिया। हर दिन प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इन उच्चायोग अधिकारियों ने न ही विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी से संपर्क किया और न ही परिसर में आने की सूचना दी। जबकि उनकी तरफ से अनुमति ली जानी चाहिए थी। विश्वविद्यालय प्रशासन इन सभी गतिविधियों को बहुत गंभीरता से लेकर इस विषय में जिला प्रशासन से संपर्क में है। जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। वहीं ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने अपने जारी बयान में कहा कि प्रयागराज में दो दिवसीय यात्रा में ब्रिटिश फेलोशिप प्रोग्राम की जानकारी साझा करना शामिल है। यह बेहद औपचारिक दौरा था। इसके अलावा उनका कोई मंतव्य नहीं था।

पीआरओ ने यह बताया

ब्रिटिश अधिकारियों ने 29 अगस्त के अपने दौरे के दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात नहीं की थी। छात्रसंघ के मुद्दे सहित कुछ अन्य विवादित विषयों पर छात्रों में भड़काने वाली बातें की थी। इसकी वजह से विश्वविद्यालय में आंदोलन एवं प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है।

डा. जया कपूर, जनसंपर्क अधिकारी, इवि