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ब्रिटिश सांसद के बयान को मुस्लिम शिक्षाविद ने बताया गलत कहा- भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं;


 नई दिल्ली, । भारत में मानवाधिकार पर दिए गए ब्रिटिश सांसद के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय स्कालर मौलाना शहाबुद्दीन राजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने कहा है कि यहां मुस्लिम शांति से रहते हैं और दूसरे देशों का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप सही नहीं। इस्लामिक रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर राजवी ने कहा कि ब्रिटिश सांसद का बयान गैर जिम्मेदाराना है।

भारत में आराम से रहते हैं अल्पसंख्यक

 

राजवी ने भारत की सराहना करते हुए कहा कि कहा, ‘मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति निष्पक्ष होने के कारण मुसलमान समुदाय यहां भाईचारे के साथ रहता है। देश में किसी भी तरह भेदभाव सहना नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, ‘यहां नमाज, अजान और जलसा की पूरी आजादी है।’ जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया और कहा, ‘ सभी भारतीय मुस्लिम यह मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था और आगे भी रहेगा।’ उन्होंने ब्रिटिश सांसद और पाकिस्तान को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे भारत के आंतरिक मुद्दों में दखल न दें।

 

नकवी ने जताई आपत्ति 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन अभी भारत दौरे पर हैं। इस क्रम में वहां की लेबर पार्टी की सांसद नाज शाह ने प्रधानमंत्री जानसन को टैग कर ट्वीट में लिखा, ‘भारत प्रधानमंत्री जानसन को संदेश देना चाहती हूं कि हमारे देश के विदेशी संबंध सिर्फ व्यापार और अंतर्राष्ट्रीयता ही नहीं बल्कि मानवाधिकारों पर भी आधारित होने चाहिए। मेरी गुजारिश है कि आप इस्लामोफोबिया के बढ़ते मुद्दे को मोदी सरकार के सामने उठाएं।’ इसपर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कड़े शब्दों में आपत्ति जताई और सांसद को इंडिया फोबिया का शिकार कहा।