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Vaccine की दोनों डोज लेने के बाद अब Booster लगवाना हमारे लिए कितना जरूरी है?


नई दिल्ली, । एक बार फिर देश में Coronavirus के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटों में लगभग 1.80 लाख नए मामले सामने आए और नए वेरिएंट Omicron के मरीजों की संख्या 4000 के पार हो चुकी है। समय-समय पर जिस तरह से कोरोना का प्रभाव देखने को मिल रहा है, उससे तो यह साफ है कि अगले कुछ सालों तक यह लोगों की जिंदगी से जाने वाला नहीं है। इसकी वजह यह है कि vaccine लगवाने के बाद लोग इस बात को लेकर निश्चिंत हो गए हैं कि “उन्हें अब कुछ नहीं होने वाला। अब वह बिना मास्क और Social Distancing के नियमों को मानें कुछ भी कर सकते हैं।” आप बताएं कि लोगों की यही सोच क्या वर्तमान स्थिति की मुख्य वजह है? इस विषय पर Koo पर अपने विचार जरूर साझा करें।

यह तथ्य स्वीकार्य है कि Vaccination के बाद कोरोना से मौत का खतरा बहुत कम होता है। लेकिन शरीर पर संक्रमण का प्रभाव रहेगा, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। इसलिए हमेशा आपके पास वैक्सीन रूपी सुरक्षा कवच रहना चाहिए। तीसरी लहर और उभरते ओमिक्रॉन वेरिएंट की चिंताओं के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 25 दिसंबर को वैक्सीन की ‘एहतियाती खुराक’ (precautionary dose) यानी बूस्टर डोज देने की घोषणा की थी।

कौन होंगे बूस्टर डोज के लिए पात्र

10 जनवरी से लोगों को बूस्टर डोज़ लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अब सवाल यह है कि कौन-कौन से लोग इसके लिए पात्र होंगे। इसका सीधा सा जवाब है कि जिन्होंने 9 महीने पहले खुद को वैक्सीनेट किया था, वह ही सबसे पहले बूस्टर के लिए पात्र होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि डॉक्टर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक, जिन्होंने सबसे पहले वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई थीं, वहीं बूस्टर पहले लगवाएंगे। आप बताएं वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद बूस्टर कितना जरूरी है? क्या डोज के बाद डोज लेना हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएगा। इस विषय पर Koo पर अपने विचार जरूर साझा करें।