लंदन, । ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया कि हथियारों के सौदों में आरोपी बिचौलिए संजय भंडारी को टैक्स चोरी एवं धनशोधन से जुड़े आरोपों का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जा सकता है। हालांकि इस मामले में अंतिम फैसला ब्रिटिश सरकार को करना है। बता दें कि भंडारी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारियों ने दो अनुरोध किए थे। पहला अनुरोध धनशोधन से जुड़ा था जबकि दूसरा कर चोरी से संबंधित था।
जिला न्यायाधीश ने की थी सुनवाई
बता दें कि जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इस साल की शुरुआत में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में इस मामले की सुनवाई की थी। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि भंडारी के प्रत्यर्पपण पर कोई रोक नहीं है और उन्होंने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजने का फैसला किया, जो अदालती फैसले के आधार पर प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं।
भारत सरकार ने अदालत को दिलाया भरोसा
अदालत ने भारत सरकार के इस आश्वासन के आधार पर यह आदेश सुनाया कि भंडारी को सुनवाई के दौरान नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक अलग कोठरी में संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रखा जाएगा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोनों प्रत्यर्पण अनुरोधों के संबंध में प्रथम दृष्टया एक मामला बनता है। अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘वह अपनी विदेशी आय और संपत्ति घोषित करने में नाकाम रहे, उन्हें ऐसी आय और संपत्ति से लाभ हुआ जिनकी घोषणा नहीं की गई थी।’
जुलाई 2020 में भंडारी की हुई थी गिरफ्तारी
संजय भंडारी के संबंध में भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में प्रमाणित किया था और उसी साल जुलाई महीने में भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार कर लिया गया था। मालूम हो कि लंदन स्थित व्यवसायी अभी जमानत पर है और उम्मीद है कि वह मजिस्ट्रेट अदालत के सोमवार के फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।