दोपहर ढाई बजे चेतन दत्ता ब्लैक बॉक्स से जुड़े हैंडल को कम से कम 10 बार घुमाएंगे। इसके बाद लाल रंग का बल्ब जलना शुरू कर देगा, जो जलेगा और बुझेगा। इससे यह पता चल जाएगा कि अब ब्लास्ट के लिए बटन दबने को तैयार है।
होते रहेंगे धमाके
इसके बाद ग्रीन बटन को दबाएंगे, जो इससे जुड़े चार डेटोनेटर को बिजली भेजेगा। अगले 9-12 सेकेंड तक एक साथ कई धमाके होते रहेंगे, इससे ट्विन टावर ढह जाएंगे। ब्लास्ट से पहले के 60 सेकेंड यानी एक मिनट में यह कुछ होगा।
चेतन दत्ता के साथ आधा दर्जन सहयोगी भी रहेंगे मौजूद
बताया जा रहा है कि एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता जब सुपरटेक के दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए ट्रिगर दबाएंगे तो उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिंकमैन और चार लोग भी 100 मीटर के दायरे में मौजूद रहेंगे।
करंट के साथ होगा विस्फोट
दोनों इमारतों को गिराने के बारे में पूरी जानकारी देते हुए चेतन दत्ता ने बताया कि पहले बाक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा। इसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी हैं, उनमें करंट पहुंच जाएगा और विस्फोट होना शुरू हो जाएगा।
ब्रिंकमैन ने तैयार किया ब्लास्ट डिजाइन
दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कंपनी जेट डिमोलिशन के निदेशक जो ब्रिंकमैन ने ही इस इमारत का ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया है। उन्हें इस क्षेत्र में करीब 40 वर्षों का अनुभव है। ब्रिंकमैन दूसरे व्यक्ति होंगे जो ट्रिगर प्वाइंट पर मौजूद रहेंगे। ब्रिंकमैन को पूरा भरोसा है कि रविवार को दोपहर ढाई बजे 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचे दोनों टावरों को जमीन पर गिराए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा। चेतन दत्ता ने बताया कि ये इमारतें हाई सिसमिक जोन में हैं।