नई दिल्ली, । ग्लोबल अर्थव्यवस्थाओं में आ रही मंदी का असर अब भारतीय सर्विस सेक्टर पर दिखने लगा है। गुरुवार को जारी हुए एक निजी मासिक सर्वे में बताया गया कि भारतीय सर्विस सेक्टर में व्यापारिक गतिविधियां छह महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही नए व्यापार में भी मार्च के बाद सबसे कम तेज गति से वृद्धि हुई है।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज की जारी किए गए सर्वे के मुताबिक, सितंबर महीने में सर्विसेज पीएमआई घटकर 54.3 पर आ गया है, जो कि अगस्त में 57.2 पर था और यह मार्च के बात सबसे कम पीएमआई है। हालांकि राहत की बात यह है कि यह लगातार 14 वां महीना है, जब सर्विस सेक्टर का पीएमआई 50 से अधिक बना हुआ है। इसका 50 से नीचे आना यह दिखाता है कि सर्विस सेक्टर में गिरावट हो रही है।
भारत का सर्विस सेक्टर मजबूत
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोल्याना डी लीमा का कहना है कि भारतीय सर्विस सेक्टर ने पिछले कुछ महीनों में काफी सारी मुश्किलों का सामना किया है। जारी हुआ नया पीएमआई डाटा इस तरफ इशारा कर रहा है। सितंबर में ग्रोथ रेट को कुछ नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन ये अभी भी स्थिति मजबूत बनी हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए माहौल चुनौती भरा
लीमा ने आगे कहा कि अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण पिछले कुछ समय में रुपये की कीमत में तेजी से गिरावट आई है। इसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए माहौल काफी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपये के सस्ता होने के कारण आयात महंगा हुआ और निर्यात सस्ता हुआ है।
आरबीआई ने बढ़ाई ब्याज दर
महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई पिछले पांच महीनों में चार बार ब्याज दरों में इजाफा कर चुका है। बीते महीने आरबीआई ने ब्याज को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत कर दिया था।