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‘भगवान जगन्नाथ ने डोनाल्ड ट्रंप को बचाया’, इस्कॉन का बड़ा दावा; याद किया 48 साल पहले का किस्सा


नई दिल्ली। 14 जुलाई यानी रविवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बाल-बाल बचे और उन्हें बचाने वाले भगवान जगन्नाथ हैं। ये दावा वैश्विक हिंदू आध्यात्मिक आंदोलन इस्कॉन (ISKCON) ने किया है।

इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोमवार को दावा किया कि केवल भगवान जगन्नाथ की वजह से आज ट्रंप जिंदा है। दरअसल, पेन्सिलवेनिया में एक चुनावी रैली में भाषण देने के दौरान ही उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से से गोली गुजरी थी। ये गोली इतनी पास से गुजरी की ट्रंप का कान लहुलुहान हो गया था।

ट्रंप ने की थी भक्तों की मदद

इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया एक्स पर 48 साल पहले न्यूयॉर्क में पहली रथ यात्रा का उल्लेख किया। ये वहीं रथ यात्रा है जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प की बहुत बड़ी भूमिका रही थी। बता दें कि ट्रंप ने इस रथ यात्रा के लिए कथित तौर पर भक्तों की मदद की थी।

48 साल बाद जगन्नाथ ने चुकाया ट्रंप का एहसान

दास ने दावा किया कि 48 साल बाद अब भगवान जगन्नाथ ने डोनाल्ड ट्रम्प की रक्षा करके इस उपकार का बदला चुकाया है। बता दें कि हर साल ओडिशा के पुरी शहर में रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मुख्य रूप से तीन देवताओं की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा शामिल है। इस साल 7 जुलाई से ये रथ यात्रा शुरू हुई थी जो कि 8 जुलाई तक चली थी।

एक्स पर क्या बोले दास?

राधारमण दास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘ठीक 48 साल पहले, डोनाल्ड ट्रम्प ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था। आज, जब दुनिया फिर से जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ट्रम्प पर हमला किया गया, और जगन्नाथ ने उन्हें बचाकर एहसान चुकाया।’

1976 का किस्सा किया याद

राधारमण दास ने जुलाई 1976 का एक किस्सा याद किया। उन्होंने बताया कि ‘1976 में डोनाल्ड ट्रंप ने रथयात्रा के निर्माण के लिए अपना ट्रेन यार्ड निःशुल्क उपलब्ध कराकर इस्कॉन भक्तों की रथयात्रा में मदद की थी। आज, जबकि दुनिया 9 दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, उन पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बचना जगन्नाथ के हस्तक्षेप को दर्शाता है।’

48 साल पहले रथ यात्रा में मिली थी मदद

राधारमण दास ने बताया कि ‘करीब 48 साल पहले, जब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) न्यूयॉर्क शहर में पहली रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बना रहा था, तो चुनौतियों का अंबार था। फिफ्थ एवेन्यू में परेड की अनुमति मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं था, लेकिन रथ बनाने के लिए एक विशाल खाली जगह ढूंढना भी कभी आसान नहीं था। उन्होंने हर संभव व्यक्ति के दरवाजे खटखटाए, लेकिन किसी ने मदद नहीं की थी। तब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कृष्ण भक्तों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे।’