पुंछ। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को उन लोगों को बधाई दी, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रयास किए हैं, उन्होंने कहा कि भारत में भाईचारा कम हो रहा है और इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है।
शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। मैं मंदिर के लिए प्रयास करने वाले सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं, यह अब तैयार है। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं; वह दुनिया में हर किसी के हैं।
वो दुनिया भर के भगवान हैं: फारूक अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश से यह भी कहना चाहता हूं कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं; वह दुनिया के सभी लोगों के हैं। वह दुनिया भर के सभी लोगों के भगवान हैं। यह किताबों में लिखा है। अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भगवान राम ने भाईचारे, प्रेम, एकता और एक दूसरे की मदद करने का संदेश दिया है।
भगवान राम ने दिया भाईचारे, प्रेम और एकता का संदेश
एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने (भगवान राम ने) भाईचारे, प्रेम, एकता और एक-दूसरे की मदद करने का संदेश दिया है। उन्होंने हमेशा कहा है कि गिरे हुए लोगों का उत्थान करो, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों। उन्होंने एक सार्वभौमिक संदेश दिया है। फारूक ने कहा कि मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे देश में जो भाईचारा कम हो रहा है, उसे दोबारा शुरू करें। मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि भाईचारा बनाए रखें।
4 हजार संतों को किया गया आमंत्रित
22 जनवरी को होने वाले प्रतिष्ठा समारोह में भव्य मंदिर में राम लला (भगवान राम अपने बाल रूप में) की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सैकड़ों अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है। ट्रस्ट ने समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है। अयोध्या में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठापन) समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले, अगले साल 16 जनवरी को शुरू होंगे।
हजारों भक्तों के लिए लगाए जा रहे तम्बू
वाराणसी के एक वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महाउत्सव मनाया जाएगा। 1008 हुंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों भक्तों को भोजन कराया जाएगा। हजारों भक्तों को समायोजित करने के लिए अयोध्या में कई तम्बू शहर बनाए जा रहे हैं, जिनके राम के भव्य अभिषेक के लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पहुंचने की उम्मीद है।
22 जनवरी को विराजमान होगी भगवान राम की मूर्ति
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक 10,000-15,000 लोगों के लिए व्यवस्था की जाएगी। ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर से 12.45 बजे के बीच गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति को विराजमान करने का फैसला किया है। वैदिक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित उस दिन अभिषेक समारोह के मुख्य अनुष्ठान करने वाले हैं।