रमण शुक्ला, । लोकसभा का अगला चुनाव जीतने के लिए कटिबद्ध भाजपा ने गुरुवार को गुवाहाटी में बिहार सहित पूर्वी व पूर्वोत्तर राज्यों को जीतने की रणनीति बनाई।
इन राज्यों के संगठन महामंत्री, प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारियों के अलावा प्रदेश अध्यक्षों की बैठक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने ली।
पूर्वी क्षेत्र में बिहार, झारखंड और ओडिशा के अलावा बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और असम के शीर्ष संगठक सम्मिलित हुए।
बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट के साथ लोकसभा विस्तारक और प्रभारियों के फीडबैक पर सूक्ष्म चुनावी प्रबंधन की रणनीति बनी।
एक-एक सीट की जीत के लिए मंथन किया गया। लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने की ओर बीएल संतोष ने ध्यान आकृष्ट किया।
इन 12 राज्यों में लोकसभा की कुल 142 सीटें हैं, जिनमें से 2019 में भाजपा ने 68 सीट पर जीत दर्ज की थी।
वहीं, पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं, जिनमें असम में सबसे ज्यादा 14 सीट हैं। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर तथा त्रिपुरा में दो-दो सीटें हैं, जबकि मिजोरम, नागालैंड तथा सिक्किम में एक-एक सीट है।
पूर्वी राज्यों में बंगाल में 42, बिहार में 40, ओडिशा में 21 और झारखंड में 14 सीटें हैं। बैठक में मिजोरम में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी अध्ययन रिपोर्ट की बारीकियों से अवगत कराया गया।
इसके अलावा क्षेत्र और राज्यों के स्तर पर अलग से रणनीति के संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया। बिहार से पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, सह प्रभारी सुनील ओझा व हरीश द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेन्द्र नाथ और प्रदेश संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया पूर्वी क्षेत्र की बैठक में शामिल हुए।
बिहार के लिए यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि जदयू के अलग होने के बाद से राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का एक अलग स्वरूप बनता दिख रहा है।
बैठक में नए जुड़ने वाले दलों और सहयोगियों के संदर्भ में भी विचार-विमर्श हुआ। फीडबैक से भी अवगत कराया गया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से पूरे देश को तीन जोन में बांट कर छह, सात और आठ जुलाई को तीन जगह क्षेत्रीय शीर्ष प्रतिनिधियों की बैठक पहले से ही प्रस्तावित थी।
यह पहला मौका है, जब पार्टी तीन क्षेत्रों (पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी) से जुड़े राज्यों के संगठन से जुड़े शीर्ष पदधारकों के साथ जोन वार बैठक बुलाई जा रही है।
गुवाहाटी की पहली बैठक के बाद दिल्ली और हैदराबाद में क्रमशः उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र की बैठक होगी।
क्षेत्र और राज्य
- पूर्वी क्षेत्र: बिहार, झारखंड और ओडिशा के अलावा बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और असम पूर्वी क्षेत्र में सम्मिलित हैं।
- उत्तरी क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गुजरात, दमन दीव दादर नगर हवेली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सम्मिलित हैं। इन राज्यों की बैठक सात जुलाई को दिल्ली में होगी।
- दक्षिणी क्षेत्र: इस क्षेत्र की बैठक आठ जुलाई को हैदराबाद में होगी। इस क्षेत्र में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, अंडमान-निकोबार, पुडुचेरी और लक्षद्वीप सम्मिलित हैं।