मेरठ। चुनावी समर में प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर आए हैं। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों ने चुनावी रण में अपने-अपने साथियों का चयन किया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा ने रालोद के साथ ताल ठोंकी है।
शीर्ष स्तर पर दोनों दलों के नेता हाथ मिलाते एक मंच पर नजर आ रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थितियां अलग हैं। चुनाव प्रचार में संयुक्त रूप से दोनों दलों के स्थानीय नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की रविवार को एक सभा थी, इसमें रालोद की उपस्थिति नहीं रही। भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल के रोड शो में भी कहीं साझा चुनाव प्रचार देखने को नहीं मिल रहा। गढ़ रोड स्थित राधा गोविंद मंडप में भाजपा का महिला सम्मेलन आयोजित हुआ।
स्मृति के कार्यक्रम में रालोद की अनुपस्थिति
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस सम्मेलन में मुख्य वक्ता थीं। मंच और पंडाल में रालोद की उपस्थिति नहीं दिखी। बताया जा रहा है कि कंकरखेड़ा से रालोद महिला प्रकोष्ठ की पदाधिकारी ज्योति शर्मा कई महिलाओं के साथ कार्यक्रम में पहुंची थीं पर उन्हें कार्यक्रम में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
रालोद जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ ने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं थी। ज्योति शर्मा ने अवगत कराया है कि वह कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम में गई थीं। उन्होंने भाजपा की महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष गीता शर्मा से बात की, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया।
कहा आप रालोद का पटका और टोपी पहन कर नहीं आ सकती हैं। आपको भाजपा का पटका और टोपी पहननी होगी।
मतलूब के आरोप पर भाजपा के लोकसभा प्रभारी संजीव वालिया व महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज ने लगभग एक समान जवाब दिया है। कहा कि दोनों दल गठबंधन में हैं ऐसे में शिकायत का मतलब नहीं है। सभी को आना चाहिए। सूचना सभी को दी जाती है, यदि सूचना नहीं जा सकी तो इसे दिखवाएंगे कि किस स्तर पर गलती हुई।
गीता शर्मा ने जवाब दिया कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार है। संबंधित महिला ने अपना परिचय भी नहीं दिया था। रालोद कार्यकर्ता 1:30 बजे पहुंचे थे, इस पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि कार्यक्रम चार बजे है। बाकी कोई बात ही नहीं हुई।