नयी दिल्ली (आससे.)। कोरोना संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के संकेत मिले हैं। कंपनियों का अग्रिम कर भुगतान चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 49 फीसदी उछलकर 1,09,506 करोड़ रुपये पहुंच गया। सीबीडीटी के सूत्रों के अनुसार इस बढ़ोतरी का कारण मुख्य रूप से पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में तुलनात्मक आधार का कमजोर होना हो सकता है। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में कंपनी कर की दर कम कर 25 फीसदी कर रिकॉर्ड निम्न स्तर पर ला दिया था। इससे कंपनियों के कर भुगतान में कमी आयी थी। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में अग्रिम कंपनी कर संग्रह 73,126 करोड़ रुपये था। अग्रिम कर भुगतान में कंपनी और व्यक्तिगत आयकर सबसे प्रमुख है। इसे संबंधित इकाई अपनी कर देनदारी के आकलन के आधार पर चार तिमाही किस्तों में 15, 25, 25 और 35 फीसदी के हिसाब से भुगतान करती है। सूत्र ने कहा कि कंपनी कर संग्रह में बढ़ोतरी से आलोच्य तिमाही में सकल कर संग्रह बढ़कर 7,33,715 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल के 8,34,398 करोड़ रुपये के मुकाबले केवल 12.1 फीसदी ही कम है। शुद्ध कर संग्रह 5,87,605 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले प्राप्त 6,75,409 करोड़ रुपये के मुकाबले 13 फीसदी कम है। तीसरी तिमाही के दौरान विभाग ने 1,46,109 करोड़ रुपये करदाताओं को वापस किए जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में वापस किए गए 1,58,988 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.1 फीसदी कम है। कुल मिलाकर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में अग्रिम कंपनी कर संग्रह 2,39,125 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल की इसी अवधि में प्राप्त 2,51,382 करोड़ रुपये से 4.9 फीसदी कम है। इसका कारण चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में लॉकडाउन का असर था। सूत्र के अनुसार अग्रिम व्यक्तिगत आयकर सालाना आधार पर इस तिमाही में 5.6 फीसदी घटकर 31,054 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले तीसरी तिमाही में यह 32,910 करोड़ रुपये था। कुल मिलाकर अग्रिम व्यक्तिगत आयकर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 60,491 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि के 67,542 करोड़ रुपये के मुकाबले 10.4 फीसदी कम है। विश्लेषकों के अनुसार कर भुगतान में बढ़ोतरी कंपनियों के मुनाफे को बताता है जो सितंबर तिमाही में 21.9 फीसदी बढ़ा।
इसके विपरीत, पहली तिमाही में विनिर्माण कंपनियों की बिक्री में 42 फीसदी और शुद्ध लाभ में 62 फीसदी की गिरावट आयी। सितंबर, 2020 को समाप्त दूसरी तिमाही में अग्रिम कर संग्रह समेत कुल कर संग्रह 22.5 फीसदी घटकर 2,53,532.3 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,27,320.2 करोड़ रुपये था। जून को समाप्त पहली तिमाही में सकल कर संग्रह 31 फीसदी घटा था। जबकि अग्रिम कर संग्रह में 76 फीसदी की गिरावट आयी थी। व्यक्तिगत आयकर संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,47,004.6 करोड़ रुपये रहा जबकि कंपनी कर 99,126.2 करोड़ रुपये रहा। इस प्रकार, प्रत्यक्ष कर राजस्व में दो महत्वपूर्ण तत्वों की हिस्सेदारी 2,46,130.8 करोड़ रुपये रही। पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 31 फीसदी घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले 76 फीसदी कम था। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सकल कर संग्रह 12 फीसदी वृद्धि के साथ 24.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है। 2019-20 में यह 21.63 लाख करोड़ रुपये था। फरवरी में पेश बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.19 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया जो 2019-20 के 10.28 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 28 फीसदी अधिक है। इसका कारण सरकार को विवाद समाधान योजना विवाद से विश्वास को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है।
अग्रिम कंपनी कर संग्रह पहली तिमाही में 79 फीसदी लुढ़ककर 8,286 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 39,405 करोड़ रुपये था। वहीं अग्रिम व्यक्तिगत आयकर संग्रह पहली तिमाही में 64 फीसदी घटकर 3,428 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 9,512 करोड़ रुपये था। इससे पहली तिमाही में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 31 फीसदी घटकर 1,37,825 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में 1,99,755 करोड़ रुपये था।