- नई दिल्ली: भारत का पहला सौर मिशन, जिसे कोविड-19 महामारी के कारण 2020 की शुरुआत से आगे बढ़ाया गया था, उसके 2022 की तीसरी तिमाही में लॉन्च होने की संभावना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जब देश की दूसरी अंतरिक्ष वेधशाला एक्सपोसैट, जिसका उद्देश्य खगोलविदों को पल्सर और सुपरनोवा जैसे ब्रह्मांडीय स्रोतों का अध्ययन करने में मदद करना है, उसको भी लॉन्च किया जाएगा।
इस सप्ताह एक सम्मेलन में वैज्ञानिक मिशन के बारे में बात करते हुए मानव अंतरिक्ष यान केंद्र के निदेशक डॉ उन्नीकृष्णन नायर ने कहा, “सौर मिशन आदित्य एल1 को अगले साल की तीसरी तिमाही (2022) में लॉन्च किया जाएगा और यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति व कई अन्य अज्ञात में अधिक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।”
आदित्य एल1 मिशन में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर एल1 लग्रेंजियन भेजा जाएगा, पृथ्वी और सूर्य के बीच का एक बिंदु जहां उपग्रह पर दोनों पिंडों का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव उपग्रह को कक्षा में रखने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल के बराबर होता है। यह अंतरिक्ष में एक पार्किंग क्षेत्र की तरह है और ग्रहणों से बाधाओं के बिना कई घटनाओं को देखने के लिए बहुत अच्छा है।
एक्सपोसैट अन्य वैज्ञानिक मिशन होगा, जिसे अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल शुरू करेगी। इसे एक छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान पर प्रक्षेपित किया जाएगा, जो वर्तमान में विकास के चरण में है। नए प्रक्षेपण यान के इस साल दिसंबर तक अपनी पहली विकास उड़ान होने की संभावना है। इसरो दो सफल विकास उड़ानों के बाद एक प्रक्षेपण यान को मिशन के लिए तैयार होने के योग्य बनाता है।