- खास बात यह है कि चिनफिंग का राष्ट्रपति बनने का ऐलान ऐसे वक्त हुआ है जब भारत और चीन का सीमा विवाद चरम पर है। ऐसे में कांग्रेस की इस बैठक के क्या निहितार्थ होंगे। चिनफिंग का नया दौर कैसा होगा।
नई दिल्ली, । चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में अब एकछत्र राज चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का होगा। चीन की राजधानी बीजिंग में बंद दरवाजे के भीतर कांग्रेस के दो हजार प्रतिनिधियों के बीच इस बात का ऐलान हुआ कि आने वाले पांच वर्षों में देश की कमान शी चिनफिंग के हाथों में होगी। इस बैठक में उन्हें देश के नायक और एक युगपुरुष के रूप में पेश किया गया। उनकी तुलना मोआत्से तुंग से की गई। चिनफिंग के विचारों को संविधान में शामिल करने का फैसला भी लिया गया। खास बात यह है कि चिनफिंग का राष्ट्रपति बनने का ऐलान ऐसे वक्त हुआ है जब भारत और चीन का सीमा विवाद चरम पर है। ऐसे में कांग्रेस की इस बैठक के क्या निहितार्थ होंगे। चिनफिंग का नया दौर कैसा होगा। अमेरिका और चीन के रिश्ते में क्या होगा सुधार। क्या दुनिया में एक नए शीत युद्ध की दस्तक होगी।
चीन में और मजबूत हुए चिनफिंग
- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि 1921 में कम्युनिस्ट पार्टी के बनने के बाद से यह तीसरी बार है जब इस तरह का रिजाल्यूशन पास किया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी के इतिहास में यह अपनी तरह का तीसरा प्रस्ताव है। इसके पूर्व पहला प्रस्ताव 1945 में माओत्से तुंग ने और फिर दूसरा प्रस्ताव देंग शियाओपिंग ने 1981 में पारित किया था। इस तरह से ऐसे प्रस्ताव जारी करने वाले शी चिनफिंग चीन के तीसरे नेता बन गए हैं। कम्युनिस्ट पार्टी का मकसद चिनफिंग को पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग और देंग शियाओपिंग के बराबर खड़ा करना है।
- प्रो. पंत का कहना है कि चीन में कांग्रेस की बैठक में यह तीसरी बार हुआ है, जब किसी नेता के विचार को संविधान में शामिल किया गया है। यह चीन में चिनफिंग की ताकत को दर्शाता है। यह इस बात को सिद्ध करता है कि चिनफिंग की कम्युनिस्ट पार्टी में जबरदस्त पकड़ है। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व माओत्से तुंग और देंग जियाओपिंग के विचारों को पार्टी संविधान में शामिल किया गया था। इस फैसले के बाद अब स्कूलों में उनके विचारों को बाकायदा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी उनके पाठ को पढ़ेंगे। चिनफिंग के इस विचार के बाद नए तेवर में चीनी समाजवादी युग शुरू हो गया।