जोधपुर। भारत-पाकिस्तान की राजस्थान के बाड़मेर से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीती शाम एक पाकिस्तानी बालक भूलवश प्रवेश कर गया। रास्ता भूल जाने के कारण बालक जोर जोर से रोने लगा जिसकी आवाज सुनकर बीएसएफ रेंजर पहुंचे और वस्तुस्थिति जानने के बाद उन्होंने पाक रेंजर्स को इसकी इत्तला दी। पाक रेंजर से तकरीबन दो घंटे की वार्ता करने के बाद सीमा सुरक्षा बल ने आठ वर्षीय बालक करीम खान को सही सलामत पुनः पाकिस्तान रेंजर्स को सौंप कर मानवीयता का परिचय दिया।
शुक्रवार देर शाम पाकिस्तान से लगती बाड़मेर जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक 8 वर्षीय बालक की रोने की आवाज सुनकर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उसे पकड़ा। वह भारतीय सीमा में सीमा चौकी सामरोद बीओपी पर पहुं गया था। प्रारंभिक पूछताछ में 8 वर्षीय बालक करीम खान रास्ता भूल कर सीमा में प्रवेश करने की जानकारी मिली। करीम खान ने खुद को पाकिस्तान के थारपारकर जिले के नागरपारकर तहसील का रहने वाला बताया।पाकिस्तानी मासूम ने भूलवश सीमा पार कर भारत आना बताया। बीएसएफ जवानों ने इसके इत्तला अपने अधिकारियों को दी जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स को इसके बारे में इत्तला दी गई। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए 8 वर्षीय अबोध को पानी पिलाया और उसे भोजन भी करवाया। बीएसएफ ने दो घंटे पाक रेंजर्स के साथ फ्लेग मीटिंग कर बालक को सही सलामत तरीके से पाकिस्तान को सौंप दिया।
भारत की पश्चिमी क्षेत्र में राजस्थान कि पश्चिमी हिस्से में 4 जिलों की सीमाएं सरहद से जुड़ी हुई है ,जो कि पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर बनाती है। राजस्थान राज्य के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर की सीमाएं पाकिस्तान से जुड़ी हुई है, जिनमें सर्वाधिक जैसलमेर जिले की 464 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान से जुड़ी है। बाड़मेर जिले की 228 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से जुड़ी हुई है।