लखनऊ(हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किराए पर रहने वाले लोगों के लिए बड़ा फैसला लेकर उन्हें राहत देने का काम किया है। अब यूपी में मकान मालिक किराए में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे। इतना ही नहीं अब बिना कॉन्ट्रैक्ट के किराए का मकान भी नहीं मिल सकेगा। इसके लिए सरकार ने किराएदार और मकान मालिकों के बीच विवाद जड़ से खत्म करने के लिए नया कानून लागू किया है। बता दें कि यूपी सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही किराया बढ़ाया जा सकेगा। अध्यादेश के अनुबंध के आधार पर ही किराए पर मकान दिया जाएगा। वहीं इससे जुड़े विवादों का निपटारा रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्युनल करेंगे। ट्रिब्युनल को 60 दिन के अंदर वाद का निस्तारण करना होगा।
नयी गाइडलाइंस
– किराएदार को भी जगह की देखभाल करनी होगी।
-दो महीने तक किराया न मिलने पर मकान मालिक किराएदार को हटा सकेंगे।
– मकान मालिक से बिना पूछे किराएदार कोई तोडफ़ोड़ मकान में नहीं करा सकेगा।
– पहले से रह रहे किराएदारों के साथ अनुबांध के लिए 3 महीने का समय । किराया बढऩे के विवाद पर रेंट ट्रिब्युनल संशोधित किराया और किराएदार द्वारा देय अन्य शुल्क का निर्धारित कर सकेंगे।
– सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से ज्यादा का एडवांस नहीं ले सकेंगे।
– गैर आवासीय परिसरों के लिए 6 महीने का एडवांस लिया जा सकेगा।
– समय पर देना होगा किराया।
– मकान मालिक को देनी होगी किराए की रसीद।
– किरायेदारी अनुबंध पत्र की मूल प्रति का एक-एक सेट दोनों के पास रहेगा।
– अनुबंध अवधि में मकान मालिक किरायेदार को नहीं कर सकता बेदखल। मकान मालिक को जरूरी सेवाएं देनी होंगीं।
– कंपनी, विश्वविद्यालय या कोई संगठन, सेवा अनुबंध के रूप में अपने कर्मचारियों को किराये पर कोई मकान देते हैं तो उन पर यह लागू नहीं होगा।
– धार्मिक, धार्मिक संस्थान, लोक न्याय अधिनियम के तहत पंजीत ट्रस्ट, वक्फ के स्वामित्व वाले परिसर पर भी किरायेदारी कानूनप्रभावी नहीं होगा।